मैला ढोने और सीवर सफाई के तरीकों पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकार से कहा कि लोग रोज मर रहे हैं. इंसानों को इस तरह मरने के लिए छोड़ा नहीं जा सकता. उनके जीवन की रक्षा के लिए सरकारों ने क्या किया है? उनके पास सुरक्षात्मक गियर, मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर भी नहीं हैं. दुनिया के किसी अन्य हिस्से में ऐसा नहीं होता है. यदि इस तरह की प्रथाएं जारी रहती हैं तो समानता की शुरुआत नहीं की जा सकती. बहुत से लोग हर रोज अपनी जान गंवा रहे हैं क्योंकि उन्हें मास्क और ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दिया जाता है.
साथ ही कोर्ट ने कहा कि आजादी को 70 साल बीत चुके हैं लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में अभी भी जातिगत भेदभाव जारी है और सरकारें उनके लिए विफल रही हैं. SC ने अटॉर्नी जनरल से अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों का एक नोट जमा करने को कहा. SC/ST एक्ट को कमजोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के 2018 आदेश के खिलाफ केंद्रीय सरकार द्वारा समीक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए SC ने ये टिप्पणी की.
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SC/ST एक्ट के प्रावधानों को हल्का करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने यह फैसला सुरक्षित रखा है. केंद्र सरकार व अन्य ने 20 मार्च 2018 के आदेश पर फिर से विचार करने की मांग वाली पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट के प्रावधानों को हल्का कर दिया था. हालांकि, बाद में संसद में संशोधित कानून पास कर इन प्रावधानों को वापस लागू कर दिया था.
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