सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड के दबंग अभिनेता सलमान खान को काले हिरन शिकार मामले में दोषी ठहराए जाने के फैसले पर लगी रोक हटा दी है। अब सलमान ब्रिटेन जैसे कई देशों में नहीं जा सकते, क्योंकि इन देशों में किसी भी मामले में दोषी व्यक्ति को वीजा नहीं मिलता। इतना ही नहीं सलमान को विदेश जाने से पहले हर बार अदालत से इजाजत भी लेनी होगी। कोर्ट ने कहा कि अगर सलमान चाहें तो हाईकोर्ट जा सकते है और हाईकोर्ट फिर से इस पर विचार कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट की आलोचना करते हुए कहा था कि सजा निलंबित करने के लिए मामला अच्छा हो सकता है, लेकिन दोषसिद्धि पर रोक के लिए नहीं। कानून सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए। दोषियों के साथ किसी प्रकार का पक्षपात नहीं होना चाहिए, हालांकि पिछले साल 27 अगस्त को सलमान खान ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि अदालतों ने हमेशा ही उन्हें सामान्य नागरिक ही माना है और उन्हें कभी कोई विशेष सुविधा नहीं दी।
दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने 12 नवंबर 2013 को अपने आदेश में काले हिरण के शिकार प्रकरण में सलमान खान की 2006 की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी, जिसके खिलाफ़ राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सरकार की दलील थी कि यूके के वीजा नियमों के मुताबिक, चार साल से ज्यादा सजा पाने वालों को वीजा नहीं दिया जा सकता लिहाजा सलमान ने शूटिंग पर जाने के लिए दोषसिद्दी पर निलंबन ले लिया।
राजस्थान की निचली अदालत ने सलमान खान को 26-27 सितंबर 1998 में भवाड़ में फिल्म शूटिंग के दौरान काले हिरण का शिकार करने के अपराध में दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में सलमान जेल में भी रहे थे, लेकिन बाद में वह जमानत पर बाहर आ गए थे।
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