यह ख़बर 10 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा : 10 साल की बच्ची को हवालात में क्यों रखा

खास बातें

  • बुलंदशहर में 10 साल की बच्ची को हवालात में डालने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस भेजकर सोमवार को मामले की विस्तृत जानकारी सौंपने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 10 साल की बच्ची को हवालात में डालने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने यूपी सरकार को सोमवार को इस मामले की विस्तृत जानकारी सौंपने का निर्देश दिया है।

गौरतलब है कि इस बच्ची को उसकी मां अपने साथ लेकर महिला थाने में पहुंची थी और बताया था कि गांव के ही एक 24-वर्षीय युवक ने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और बच्ची को उसकी मां के साथ मेडिकल चेकअप के लिए स्थानीय अस्पताल में भेज दिया।

अगली सुबह जब बच्ची और उसकी मां थाने वापस आए, तो महिला पुलिस अधिकारियों ने कथित रूप से मां को थाने से निकाल दिया और बच्ची को हवालात में बंद कर दिया। इसके बाद एक स्थानीय फ्रीलांस पत्रकार मामले की जानकारी मिलने पर थाने पहुंचा और हवालात में बंद बच्ची का वीडियो रिकॉर्ड करने में कामयाब हो गया। यह पत्रकार इसके बाद जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारी के पास पहुंचा और मदद मांगी।

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उस समय थाने की प्रभारी गयाश्री चौहान ने वीडियो प्रमाण होने के बावजूद इस बात का खंडन किया था कि बच्ची को हवालात में बंद किया गया। बहरहाल, पुलिस के सीनियर सुपरिन्टेन्डेन्ट गुलाब सिंह ने गयाश्री तथा एक अन्य सीनियर इंस्पेक्टर का शाम को ही तबादला कर दिया था। इन दोनों के अतिरिक्त दो कॉन्सटेबलों को सस्पेंड भी किया गया था और बच्ची को उसकी मां के पास घर भेज दिया गया था। अब पुलिस के मुताबिक बच्ची की शुरुआती मेडिकल रिपोर्ट में कोई बाहरी चोट का निशान नहीं पाया गया है, हालांकि अंतिम रिपोर्ट अभी आनी है।

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