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सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाई
कोर्ट ने तीन हफ्तों के भीतर आवेदनों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी
मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी
केंद्र को यह सुनिश्चित करना होगा कि नियम और शर्तें अधिनियम के तहत हैं और विज्ञापन भी जारी रखे जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि उसने कितने आरटीआई आवेदन दायर किए, कितने लंबित हैं और कितने समय से हैं. कोर्ट ने तीन हफ्तों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने बताया था कि आरटीआई कम हो रही हैं और राज्य में एक SIC और दो सूचना आयुक्त हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या इतना डर है कि आवेदनों की संख्या में कमी आ गई.
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि CIC के लिए चयन समिति ने उम्मीदवार का चयन कर लिया है. सूचना आयुक्तों का चयन अभी नहीं हुआ है. इन पदों के लिए 280 आवेदन प्राप्त हुए हैं और उन्हें शार्टलिस्ट किया जा रहा है. मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से एक सप्ताह के भीतर सूचना आयोगों में रिक्तियों का विवरण दाखिल करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि इन रिक्तियों को भरने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?
वहीं केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह आरटीआई अधिनियम में संशोधन कर रहा है.
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दरअसल सुप्रीम कोर्ट में आरटीआई एक्टीविस्ट और याचिकाकर्ता अंजली भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर आरटीआई को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
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