नई दिल्ली:
मोदी सरकार के 'स्वच्छ भारत' अभियान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के कालकाजी मंदिर की सफाई का जिम्मा संभाला है। कोर्ट ने सात-सात लोगों की कमेटी का गठन किया है, जिनके जिम्मे एक हफ्ते के लिए मंदिर की सफाई का काम होगा। इनके बाद दूसरे सात लोग आएंगे और उसके बाद सात लोगों की तीसरी कमेटी आएगी। कमेटी में 28 लोग हैं और हर हफ्ते सात लोगों का सफाई के लिए क्रमवार नंबर आएगा।
जस्टिस दीपक मिश्रा और पीसी पंत की पीठ ने यह आदेश बुधवार को निरीक्षण कमेटी की रिपोर्ट पर दिया, जिसमें मंदिर के अंदर सफाई की स्थिति खराब बताई गई थी। केंद्रीय जोन के सहायक आयुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मंदिर के बाहर तथा चारों ओर तो सफाई है लेकिन मंदिर के अंदर सफाई नहीं है। इस पर कोर्ट ने सुरेंद्र नाथ, नीरज भारद्वाज, हरीश भारद्वाज, कुश भारद्वाज, कृष्ण चंद शर्मा, विनोद भारद्वाज और लक्ष्मी चंद को लेकर सात लोगों की पहली कमेटी बनाई। ये लोग 1 नवंबर से सफाई का काम शुरू करेंगे।
कोर्ट ने कहा कि ये लोग मंदिर की सफाई के दौरान किसी अधिकार का दावा नहीं करेंगे और पूरा काम स्वैच्छिक आधार पर करेंगे। ये लोग यह गलतफहमी भी नहीं पालेंगे कि वह मंदिर से जुड़े हुए हैं इसलिए उन्हें सफाई के लिए चुना गया है। उन्हें चुनने का कारण स्वैच्छिक रूप से सेवाएं देने की इच्छा था कोई और कारण नहीं। सफाई करने के दौरान स्वयंसेवक पूरे समर्पण और अनुशासन का पालन करेंगे और किसी को कोई बाधा नहीं पहुंचाएंगे। कार्य स्वैच्छिक होगा और इसके लिए वे किसी वेतन आदि की अपेक्षा नहीं करेंगे।
कोर्ट ने डीडीए, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और जलबोर्ड से कहा कि वह मंदिर के आसपास सीवर, पानी तथा ग्रीन बेल्ट का सही तरीके से रखरखाव करें। सरकाटा भैरों के पास पानी के टैंकों की लीकेज रोकें, जिससे कीचड़ न होने पाए। सफाई कर्मियों की तैनाती करें। कोर्ट ने कहा कि आदेश की प्रति डीडीए के चीफ इंजीनियर, जल बोर्ड तथा पीडब्ल्यूडी के सीईओ को मुहैया करवाई जाए। सुप्रीम कोर्ट कालकाजी मंदिर पर विभिन्न समूहों के मालिकाना हक के दावों की सुनवाई कर रहा है। मामले की अलगी सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
जस्टिस दीपक मिश्रा और पीसी पंत की पीठ ने यह आदेश बुधवार को निरीक्षण कमेटी की रिपोर्ट पर दिया, जिसमें मंदिर के अंदर सफाई की स्थिति खराब बताई गई थी। केंद्रीय जोन के सहायक आयुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मंदिर के बाहर तथा चारों ओर तो सफाई है लेकिन मंदिर के अंदर सफाई नहीं है। इस पर कोर्ट ने सुरेंद्र नाथ, नीरज भारद्वाज, हरीश भारद्वाज, कुश भारद्वाज, कृष्ण चंद शर्मा, विनोद भारद्वाज और लक्ष्मी चंद को लेकर सात लोगों की पहली कमेटी बनाई। ये लोग 1 नवंबर से सफाई का काम शुरू करेंगे।
कोर्ट ने कहा कि ये लोग मंदिर की सफाई के दौरान किसी अधिकार का दावा नहीं करेंगे और पूरा काम स्वैच्छिक आधार पर करेंगे। ये लोग यह गलतफहमी भी नहीं पालेंगे कि वह मंदिर से जुड़े हुए हैं इसलिए उन्हें सफाई के लिए चुना गया है। उन्हें चुनने का कारण स्वैच्छिक रूप से सेवाएं देने की इच्छा था कोई और कारण नहीं। सफाई करने के दौरान स्वयंसेवक पूरे समर्पण और अनुशासन का पालन करेंगे और किसी को कोई बाधा नहीं पहुंचाएंगे। कार्य स्वैच्छिक होगा और इसके लिए वे किसी वेतन आदि की अपेक्षा नहीं करेंगे।
कोर्ट ने डीडीए, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और जलबोर्ड से कहा कि वह मंदिर के आसपास सीवर, पानी तथा ग्रीन बेल्ट का सही तरीके से रखरखाव करें। सरकाटा भैरों के पास पानी के टैंकों की लीकेज रोकें, जिससे कीचड़ न होने पाए। सफाई कर्मियों की तैनाती करें। कोर्ट ने कहा कि आदेश की प्रति डीडीए के चीफ इंजीनियर, जल बोर्ड तथा पीडब्ल्यूडी के सीईओ को मुहैया करवाई जाए। सुप्रीम कोर्ट कालकाजी मंदिर पर विभिन्न समूहों के मालिकाना हक के दावों की सुनवाई कर रहा है। मामले की अलगी सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
कालकाजी मंदिर, दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट, सफाई अभियान, Kalkaji Mandir, Delhi, Supreme Court, Cleanliness Drive