विज्ञापन
This Article is From Oct 28, 2016

हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति पर केंद्र-सुप्रीम कोर्ट आमने-सामने, कोर्ट ने कहा-नियुक्ति को अहं का मुद्दा नहीं बनाएं

हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति पर केंद्र-सुप्रीम कोर्ट आमने-सामने, कोर्ट ने कहा-नियुक्ति को अहं का मुद्दा नहीं बनाएं
नई दिल्ली: हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट आमने-सामने आ गए हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासनिक उदासीनता इस संस्थान को खराब कर रही है. आज हालात ये हैं कि कोर्ट को ताला लगाना पड़ा है. कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट में पूरा ग्राउंड फ्लोर बंद है. क्यों ना पूरे संस्थान को ताला लगा दिया जाए और लोगों को न्याय देना बंद कर दिया जाए.

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को  ईगो का मुद्दा ना बनाए. हम नहीं चाहते कि हालात ऐसे हों कि एक संस्थान दूसरे संस्थान के आमने-सामने हों. न्यायपालिका को बचाने की कोशिश होनी चाहिए.

चीफ जस्टिस ठाकुर ने कहा, हम बड़े सब्र से काम कर रहे हैं. केंद्र सरकार बताए कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों की सूची का क्या हुआ. सरकार 9 महीने से इस सूची पर क्यों बैठी है? अगर सरकार को इन नामों पर कोई दिक्कत है तो हमें भेजें, फिर से विचार करेंगे.

केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, हाईकोर्ट के जजों की सूची में कई नाम हैं जो सही नहीं हैं. सरकार ने 88 नाम तय किए, लेकिन सरकार एमओपी तैयार कर रही है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.

सीजेआई ने ये भी कहा कि ऐसा ही रवैया रहा तो सेकेट्री जस्टिस और पीएमओ सेकेट्री को कोर्ट में बुला लेंगे. सीजेआई ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में 160 में से 77 जज काम कर रहे हैं जबकि छतीसगढ़ में 22 में से 8 जज काम कर रहे हैं.

बता दें कि हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाईं के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने जजों की नियुक्ति में देरी के मामले में केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए चेताया था कि हमें न्यायिक आदेश के ज़रिये इस गतिरोध को दूर करने पर मजबूर न करें.

कोर्ट ने कहा था कि कॉलेजियम ने फरवरी में हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए 75 लोगों की लिस्ट भेजी थी, लेकिन केंद्र ने अब तक इस पर कुछ नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम ऐसे हालात नहीं होने दे सकते, जहां कोर्ट के बंद होने की नौबत आ जाए. सरकार बताए कि लिस्ट वाली फाइल कहां हैं...? आपको कुछ नामों पर दिक्कत है तो वापस भेजिए, कॉलेजियम फिर से देखेगा.  सरकार की कुछ तो जवाबदेही होनी चाहिए.

गौरतलब है कि फरवरी में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के ट्रांसफर की लिस्ट भेजी गई, लेकिन सरकार ने कुछ भी नहीं किया. दरअसल सुप्रीम कोर्ट उस जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा है, जिसमें अदालतों में लंबित मामलों को लेकर कदम उठाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि लॉ कमीशन की उस रिपोर्ट को लागू किया जाए, जिसमें जजों की संख्या बढ़ाने को कहा गया था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, जजों की नियुक्ति, केंद्र सरकार, Supreme Court, High Court Judges, Appointment Of Judges, Central Government
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com