भारतीय वायुसेना ने तमिलनाडु के तंजावुर स्थित अपने स्टेशन पर सोमवार को सुखोई-30 एमकेआई का पहला स्क्वाड्रन बेड़े में शामिल किया. इस अत्याधुनिक युद्धक विमान की यहां तैनाती से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत होगी. यह उन्नत लड़ाकू विमान ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें भी ले जाने में सक्षम है. प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत, वायुसेना अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह भदौरिया सहित अन्य शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में विमान को तैनात किया गया.
हवा से हवा में मार करने वाली 'अस्त्र' मिसाइल का सुखोई Su-30MKI से सफलतापूर्वक परीक्षण, देखें VIDEO
आधुनिक तकनीकों से लैस यह विमान सभी मौसम में वृहद-भूमिका निभाने में सक्षम है. एक रक्षा विज्ञप्ति के अनुसार 222 स्कवाड्रन ‘टाइगरशार्क' की तैनाती से भारतीय वायुसेना की रक्षा क्षमता बढ़ेगी और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी सुनिश्चित हो सकेगी.
भारत दुनिया में एकमात्र देश, जो लड़ाकू विमानों पर लंबी दूरी की मिसाइलों को कर सकता है एकीकृत
जानकारी के अनुसार सुखोई के यहां तैनात किए जाने से भारतीय द्वीप क्षेत्रों और हिंद महासागर क्षेत्र में संचार की समुद्री लाइनों की भी सुरक्षा हो सकेगी.
Video: हवा से हवा में मार करने वाली 'अस्त्र' मिसाइल का सुखोई से सफलतापूर्वक परीक्षण
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