मुंबई के आरे में ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए छात्रों को मिले स्मार्टफोन

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है. इस संकट ने देश भर में शिक्षा व्यवस्था को काफी प्रभावित किया है.

मुंबई के आरे में ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए छात्रों को मिले स्मार्टफोन

मुंबई के आरे में आदिवासी समुदाय के लगभग 50 बच्चों को मिले स्मार्टफोन

मुंबई:

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है. इस संकट ने देश भर में शिक्षा व्यवस्था को काफी प्रभावित किया है. सरकार की तरफ से ऑनलाइन शिक्षा की बात की जा रही है लेकिन स्मार्टफोन (smartphones) और बेहतर इंटरनेट के अभाव में कई जगहों पर बच्चे अपनी पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं. मुम्बई में लाखों बच्चों की शिक्षा महामारी के कारण बाधित हो गयी है. क्योंकि उनके पास स्मार्टफोन, टैबलेट और उच्च गति के इंटरनेट कनेक्शन नहीं है. मुंबई जैसे शहर में भी जहां दुनिया के कुछ सबसे अमीर लोगों का घर है में आरे क्षेत्र में आदिवासी समुदायों के बच्चे स्मार्टफोन के अभाव में शिक्षा से दूर हो गये हैं. 

पिछले महीने NDTV ने उन बच्चों के सामने आने वाली कठिनाइयों को उजागर किया था. जिसके बाद समाज के कई तरफ से लोग मदद के लिए आगे आए हैं.  कई दर्शक, और अभिनेता जिनमें सोनू सूद भी शामिल है ने लोगों की मदद की है. NDTV में खबर चलने के बाद आरे गांव में स्मार्टफोन छात्रों तक पुहंचाया गया है. 

आरे की रहने वाली प्रमिला मानकर कहती हैं, "हम दूसरों के घर जाते थे और पढ़ाई के लिए फोन मांगते थे लेकिन वो नहीं देते थे. हमारे बच्चे पढ़ नहीं पा रहे थे और वे इधर-उधर घूमते रहते थे,"  सोनू सूद ने 27 बच्चों को स्मार्टफोन वितरित किया है और वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे बात की है., उनसे आग्रह किया कि वे मेहनत से पढ़ाई करें और अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराएं. कुल मिलाकर, लगभग 50 छात्रों के पास अब स्मार्टफोन पहुंच गया है. 

स्मार्टफोन मिलने के बाद खुश छात्र रोहित साधवे ने बताया कि पहले हम एक दोस्त के घर जाते थे और उनसे फोन मांगकर पढ़ाई करते थे. कभी-कभी वो गेम खेलने लगते थे, कुछ जरूरी काम भी उनका होता था.  वे कहते थे कि मेरे बच्चे को पहले अपना काम करने दो पहले. इन गांवों में कई परिवारों के लिए, और निश्चित रूप से बच्चों के लिए, यह पहली बार है जब उनके पास एक स्मार्टफोन पहुंचा है. 

"सेव आरे" आंदोलन से जुड़े कुछ लोग अब इन बच्चों को जूम ऐप सहित अपने नए फोन का उपयोग करने का तरीका सिखा रहे हैं. "सेव आरे" के एक स्वयंसेवक, मुद्रा एकांदवर, एनडीटीवी ने कहा, "अब जूम क्लासेस सामान्य हैं और ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है, इन बच्चों को ऐप तक पहुंचने और समझने में परेशानी हो सकती है कि यह कैसे काम करता है. इसलिए हम उन्हें इसका इस्तेमाल करना सिखाते हैं."

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आने वाले दिनों में इन गांवों में और अधिक स्मार्टफोन पहुंचने की उम्मीद है.आरे वन क्षेत्र में कुछ छात्रों ने अपने फोन को प्राप्त कर लिया है. लेकिन अभी भी मुंबई, महाराष्ट्र और देश भर में ऐसे कई हैं जो पढ़ने, लिखने या सीखने में असमर्थ हैं क्योंकि उनके पास स्मार्टफोन नहीं है.