जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)में रविवार को हुई हिंसा को लेकर छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने बड़ा खुलासा किया है.उन्होंने आरोप लगाया है कि उस दिन कैंपस में घुसे गुंडे मेरी हत्या करना चाहते थे. वह मुझे कार के अंदर खींच कर मेरी हत्या की फिराक में थे. जिस समय में मुझपर हमला हुआ उस समय 20-30 लोगों ने मुझे घेर लिया था. उसके बाद मुझपर लोहे की रॉड और डंडे से हमला किया. आइशी ने दिल्ली पुलिस पर भी जानबूझकर उनकी शिकायत न दर्ज करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मैंने एक बार फिर अपनी शिकायत दर्ज कराई है. आइशी ने अपनी शिकायत में कहा है कि उन्होंने एक हमलावर को पहचान लिया, इसने अपने चेहरे पर नकाब नहीं लगाया हुआ था.
पुलिस को दी अपनी शिकायत में आइशी ने कहा कि वो लोग मुझेपर लगातार हमला कर रहे थे. कई बार मेरे सिर पर लोहे की रॉड से मारा गया. इसके बाद मैं जमीन पर गिर गई. इसके बाद आरोपियों में से किसी ने मुझे तेज लात मारी, मेरे हाथ पर और शरीर के अन्य हिस्सों पर रॉड मारी गई. वह बार बार कह रहे थे कि हम मार देंगे काट देंगे. भीड़ मुझे मारने के इरादे से ही आई थी और जिस तरह से वह मुझे मार रहे थे इससे साफ था कि वह मुझे मारे बगैर यहां से नहीं जाएंगे.
दीपिका पादुकोण के जेएनयू जाने पर बंटे लोग, समर्थन और विरोध में किए जा रहे ये ट्वीट
बता दें कि रविवार शाम को हुई हिंसा के मामले में दर्ज की एफआईआर के मुताबिक, जब कैम्पस में हिंसा भड़की, उस वक्त पुलिस वहां मौजूद थी. यह एफआईआर दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई है. एफआईआर के मुताबिक 5 जनवरी को एक इंस्पेक्टर और कुछ अन्य पुलिसकर्मी, जेएनयू के प्रशासनिक ब्लॉक पर तैनात थे. अधिकारियों को करीब 3.45 बजे पेरियार हॉस्टल में हिंसा की जानकारी दी गई थी, तभी पुलिसकर्मी वहां पहुंचे. वहां उन्होंने देखा कि 40-50 अज्ञात नकाबपोश युवक लाठियों से छात्रों को पीट रहे थे और संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे. एफआईआर में लिखा गया है, 'पुलिस को देखकर नकाबपोश युवकों का दल वहां से भाग खड़ा हुआ.'
यह भी पढ़ें: JNU में बोले कन्हैया कुमार- सरकार ने गलती कर दी, उसने बुद्धिमान दुश्मन को चुन लिया
एफआईआर के मुताबिक साबरमती हॉस्टल में हिंसा की जानकारी शाम को 7 बजे मिली थी. इसके बाद जैसे ही पुलिसकर्मी हॉस्टल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि 50-60 बदमाश वहां हिंसा कर रहे थे. एफआईआर में आगे कहा गया है कि, ''पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए उन्हें चेतावनी दी थी कि उन्हें संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना है लेकिन इसके बाद भी उन्होंने तोड़-फोड़ जारी रखी और फिर वहां से भाग गए''. माना जा रहा है कि साबरमती हॉस्टल में सबसे ज्यादा हिंसा हुई है. इसके कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें नकाबपोश युवक लाठियों से छात्रों पर हमला करते हुए और संपत्ति को नष्ट करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
यह भी पढ़ें: जेएनयू के कुलपति को हटाने के लिए करीब 100 सांसद राष्ट्रपति को पत्र लिखेंगे
भीड़ द्वारा किए गए इस हमले में 30 से ज्यादा घायल हुए, जिसमें जेएनयू फैकल्टी के 4 प्रोफेसर भी शामिल हैं. एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस को जेएनयू प्रशासन द्वारा 3.45 पर एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें पेरियार हॉस्टल में हिंसा की जानकारी दी गई थी. इसमें कहा गया है, "विश्वविद्यालय के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, हमने और अधिक पुलिस बल को बुलाया, और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और वहां के छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की.''
यह भी पढ़ें: ABVP और NSUI कार्यकर्ताओं की झड़प को लेकर प्रियंका गांधी का निशाना, कहा...
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया था, "हम आमतौर पर प्रशासन ब्लॉक में तैनात रहते हैं, लेकिन जिस स्थान पर हाथापाई हुई थी, वह थोड़ा दूर था. जेएनयू प्रशासन ने हमें लगभग 7:45 बजे फोन किया, जिसके बाद हमने स्थिति को नियंत्रित किया. इस मामले की जांच अब अपराध शाखा कर रही है और हमनें सीसीटीवी की फुटेज भी एकत्रित कर ली है''.
इस मामले को लेकर सवाल उठाए गए हैं कि भीड़ के हमले के तीन दिन बाद भी पुलिस एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई है. एफआईआर में अपराधियों में से किसी की पहचान या नाम नहीं है.
Video- JNU हिंसा: शिक्षक संघ ने किया हड़ताल का ऐलान
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं