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This Article is From Oct 02, 2016

वेमुला के साथी शोध छात्र ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के VC अप्पाराव के हाथ से डिग्री लेने से मना किया

वेमुला के साथी शोध छात्र ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के VC अप्पाराव के हाथ से डिग्री लेने से मना किया
रोहित वेमूला की आत्महत्या को लेकर देश के कई हिस्सों में खासा आक्रोश था
हैदराबाद: हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र वेलपुला सुंकन्ना ने कुलपति अप्पाराव पोडिले से अपनी डॉक्टरेट की डिग्री लेने से मना कर दिया. सुंकन्ना, पीएचडी छात्र रोहित वेमुला एवं अन्य को पिछले साल विश्वविद्यालय के छात्रावास से निकाल दिया गया था.

दीक्षांत समारोह के दौरान जब सुंकन्ना का नाम पुकारा गया, तब वह मंच पर गया, लेकिन पोडिले से प्रमाणपत्र लेने से मना कर दिया. तब प्रति कुलपति विपिन श्रीवास्तव आगे आए और सुंकन्ना को पीएचडी की डिग्री दी. सुंकन्ना और वेमुला उन पांच छात्रों में शामिल थे, जिन्हें 'अनुशासनात्मक' आधार पर पिछले साल विश्वविद्यालय के छात्रावास से निकाल दिया गया था. बाद में उनका यह निलंबन रद्द कर दिया गया.

इस साल जनवरी में विश्वविद्यालय परिसर में स्थित छात्रावास के एक कमरे में वेमुला का शव छत से लटका पाया गया था. घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया और विश्वविद्यालय के छात्रों ने पोडिले के निष्कासन की मांग करते हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन किए.

इस समय आईआईटी बंबई से दर्शन विषय में पोस्ट डॉक्टरल की पढ़ाई कर रहे सुंकन्ना ने कहा, 'मैंने (वेमुला आत्महत्या मामले में कुलपति की कथित भूमिका को लेकर) विरोध के तौर पर उनसे अपना प्रमाणपत्र लेने से मना कर दिया.' वेमुला की मौत के बाद विश्वविद्यालय के छात्रों, कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने कुलपति और कुछ दूसरे लोगों को उसकी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

पोडिले ने संपर्क किए जाने पर घटना को तूल ना देते हुए कहा कि उनसे प्रमाणपत्र लेना ना लेना छात्र की मर्जी है. उन्होंने कहा, 'यह उनकी मर्जी है. इसे लेकर ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है.'

समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय सभी को अपनी पसंद के क्षेत्रों में बेहतर करने का मौका देता है और आजादी के साथ जिम्मेदारी भी आती है. उन्होंने कहा, 'यह भी एक तथ्य है कि शिक्षक विश्वविद्यालय को कई तरह से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से निर्देशित करते हैं. इसलिए किसी विश्वविद्यालय को शिक्षण एवं शोध से आगे का आकार देने में शिक्षकों की प्रमुख भूमिका होती है.'

कुलपति ने कहा, 'इसके बावजूद यह सच है कि विश्वविद्यालय हम सभी - शिक्षकों, छात्रों एवं कर्मियों - को ऐसे मौके मुहैया कराता है कि हम ज्यादा से ज्यादा उंचाई छू सकें . आजादी के साथ जिम्मेदारी भी आती है और हमारी युवा पीढ़ी में हमें इसी चीज का संचार करना है.' उन्होंने कहा कि इस साल 265 पीएचडी धारकों सहित 1,564 छात्रों को डिग्रियां दी गई.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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