बिहार-झारखंड में युवा रोजगार के लिए सड़कों पर हैं. RRB-NTPC की परीक्षा में धांधली, मनमानी और लेट-लतीफी के खिलाफ युवा आंदोलन (Youth Protest for Job) कर रहे हैं. एक तरफ सरकार दमन चक्र चला रही है तो दूसरी तरफ युवाओं को समस्या हल करने का आश्वासन भी दे रही है लेकिन सरकार की नींद तब खुली, जब छात्रों ने आक्रोशित होकर ट्रेनें रोकीं, आगजनीं की और सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया.
सरकर चाहती तो इसे रोका जा सकता था. सरकार चाहती तो समय पर युवाओं को नौकरी मिल सकती थी और अगर अभी भी सरकार चाहे तो हर साल लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी मिल सकती है क्योंकि अभी भी देश में लाखों नौकरियों के अवसर मौजूद हैं.
रवीश कुमार (Ravish Kumar) ने अपने शो 'प्राइम टाइम विद रवीश कुमार' में बताया है कि 2 दिसंबर 2021 को राज्यसभा में केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने सपा सांसद सुखराम सिंह यादव के सवाल के जवाब में कुछ जानकारी दी है. इसके अनुसार 1 मार्च 2020 तक केंद्र सरकार में 8 लाख 72 हज़ार पद खाली हैं. मंज़ूर पदों की संख्या 40 लाख से कुछ अधिक है. इनमें से 21 प्रतिशत पद खाली हैं.
किस मंत्रालय में कितने पद खाली?
रेलवे में 2,37,295 पद खाली है. मंज़ूर पदों की तुलना में 15 प्रतिशत पद खाली हैं. गृह मंत्रालय में 1,28,842 पद खाली हैं. यहां भी 12 प्रतिशत पद खाली हैं. साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग में 66 प्रतिशत पद खाली हैं और कुल खाली पदों की संख्या 12,444 है, वहां सिर्फ 4217 लोग ही काम कर रहे हैं.
हर साल एक करोड़ नौकरियां देने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय PMO में भी 26 प्रतिशत पद खाली हैं. जल संसाधन, नदी विकास और गंगा मंत्रालय में 4557 पद खाली हैं, जो 42 फीसदी है. अगर मां गंगा के नाम पर भी युवाओं को नौकरी मिल जाती तो साढ़े चार हजार लोगों का कल्याण हो जाता. देश के लिए नीति बनाने वाले आयोग NITI AYOG का हाल भी अन्य मंत्रालयों की ही तरह है. वहां भी 32 प्रतिशत पद खाली हैं.
हालांकि, संसद में कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह नहीं बताया कि ये पद कितने समय से खाली हैं और क्यों खाली हैं? इसी तरह देशभर के सरकारी बैंकों में 41 हजार से ज्यादा पद खाली हैं. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये जानकारी दी थी.
एक वैकेंसी में लगा रहे तीन-तीन साल
NDTV संवाददाता सौरव शुक्ला ने भी 22 दिसंबर को एक रिपोर्ट में बताया था कि केंद्र सरकार एक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में तीन-तीन साल लगा दे रही है. कर्मचारी चयन आयोग ने 2018 में 60,000 पदों की भर्ती निकाली थी. 55000 को ही नियुक्ति मिली और इसमें भी तीन साल लग गए. बाकी 5000 सीट खाली रह गईं तो उन पर भर्ती के लिए देश भर से एसएससी जीडी के परीक्षार्थी दिल्ली आ गए कि सरकार इन खाली सीटों पर भी भर्ती करे लेकिन श्रम मंत्री से लेकर कार्मिक मंत्री में से किसी ने उनसे मुलाकात नहीं की.
देशभर के सरकारी स्कूलों में भी शिक्षकों के 10.6 लाख से ज्यादा पद खाली हैं. पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में बताया था कि 2020-21 तक पूरे देश में शिक्षकों के 61 लाख 84 हजार 464 पद स्वीकृत हैं, जबकि अलग-अलग राज्यों में कुल 10 लाख 60 हजार 139 पद खाली हैं. इसमें बिहार और यूपी टॉप पर हैं.
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