देश में बढ़ते कोरोना संकट के बीच ग्रामीण भारत के लिए एक राहत की खबर है. दक्षिण पश्चिम मॉनसून (South-west Monsoon) अपने लक्ष्य के मुताबिक समय पर आगे बढ़ रहा है. नतीजा ये है कि 12 जून तक खरीफ फसलों की बुआई (Kharif sowing) औसत से 10.36% ज्यादा हो चुकी है. देश में इस बार चावल की बुआई सामान्य औसत से दो लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा इलाके में हुई है. पंजाब के बरनाला ज़िले में बड़े किसानों ने बसें भेजकर प्रवासी मज़दूरों को खरीफ सीजन के दौरान खेतों में बुलाना बड़ी संख्या में शुरू कर दिया है. रविवार को करीब ऐसे 70 प्रवासी मज़दूर बरनाला पहुंचे जहां किसानों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया
पंजाब के बरनाला ज़िले की ये खबर कृषि क्षेत्र के लिए खुशी से भरी है. खरीफ फसल की बुआई शुरू हो रही है और पंजाब के बड़े किसानों ने इन मज़दूरों को बसें भेजकर विशेष तौर पर वापस बुलाया है. इनको खेतों से सटे घरों में क्वारंटाइन में रखा गया है. पंजाब के खेतों में ऐसे करीब 6 लाख प्रवासी मज़दूर काम करते थे जिनमे से 3.89 लाख मज़दूर लॉकडाउन की वजह से अपने-अपने राज्य लौट गए थे. मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने तय दिशा और लक्ष्य से आगे बढ़ रहा है.
अब तक कितनी बुआई
कृषि मंत्रालय के पास मौजूद ताज़ा आकड़ों के मुताबिक इस माह 12 जून तक खरीफ फसलों की बुआई (Kharif sowing) बढ़ी है. चावल की बुआई 5.59 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है. यह औसत से 2.22 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. दूसरी ओर, दाल की बुआई 2.28 लाख हेक्टेयर इलाके में हुई है जो औसत से 0.17 लाख हैक्टेयर कम है जबकि मोटे अनाज की बुआई 7.75 लाख हेक्टेयर इलाके में हो चुकी है जो औसत से1. 77 लाख हैक्टेयर ज्यादा है. कुल मिलकर खरीफ फसलों की बुआई 92.56 लाख हेक्टेयर में हुई है जो औसत से 10.36 % अधिक है.
अब तक देश में औसत से 31% ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक रविवार तक दक्षिण पश्चिम मानसून से देश में औसत से 31% ज्यादा बारिश चुकी है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक देश के 123 बड़े जलाशयों में पानी की उपलब्धता पिछले साल के मुकाबले 173% तक ज्यादा है. साफ़तौर पर ग्रामीण भारत के लिए यह बड़ी राहत की खबर है क्योंकि फसल अच्छी होगी तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी.
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