नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों की पृष्ठभूमि में गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
उनकी मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अध्यादेश लाने की सरकार की योजना में आज अड़चन सामने आई और संकेत मिले कि सरकार कल से इस मुद्दे पर विपक्ष से परामर्श प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
केंद्रीय मंत्रि-परिषद और एआईसीसी में फेरबदल तथा विस्तार काफी समय से लंबित है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 31 मई को संकेत दिया था कि कैबिनेट में खाली पदों को भरने के लिहाज से फेरबदल हो सकता है।
उन्होंने जापान और थाईलैंड की यात्रा से लौटते वक्त संवाददाताओं से कहा था, ‘‘कुछ पद खाली हैं। उन्हें भरने के विषय पर विचार किया जा रहा है।’’
गौरतलब है कि पवन कुमार बंसल को पिछले महीने अपने भतीजे से जुड़े रिश्वतखोरी के एक मामले में रेलमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था वहीं पिछले महीने ही अश्विनी कुमार ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले पर सीबीआई की जांच रिपोर्ट में कथित हस्तक्षेप पर उठे विवाद के बाद पद छोड़ा था।
इससे पहले द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस द्वारा संप्रग सरकार से समर्थन वापसी के कारण भी कुछ पद खाली हुए थे।
मंत्रि-परिषद में कुछ मंत्री एक से अधिक प्रभार संभाल रहे हैं और उन्हें एक-एक मंत्रालय छोड़ने के लिए कहा जा सकता है।
इसके अलावा यह भी संभावना है कि कुछ मंत्रियों को मंत्रि-परिषद छोड़कर अगले लोकसभा चुनावों से पहले संगठन के काम में लगाया जाए। इसी बीच एआईसीसी में भी हेर-फेर हो सकती है जो पिछले काफी अर्से से लंबित है।
उनकी मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अध्यादेश लाने की सरकार की योजना में आज अड़चन सामने आई और संकेत मिले कि सरकार कल से इस मुद्दे पर विपक्ष से परामर्श प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
केंद्रीय मंत्रि-परिषद और एआईसीसी में फेरबदल तथा विस्तार काफी समय से लंबित है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 31 मई को संकेत दिया था कि कैबिनेट में खाली पदों को भरने के लिहाज से फेरबदल हो सकता है।
उन्होंने जापान और थाईलैंड की यात्रा से लौटते वक्त संवाददाताओं से कहा था, ‘‘कुछ पद खाली हैं। उन्हें भरने के विषय पर विचार किया जा रहा है।’’
गौरतलब है कि पवन कुमार बंसल को पिछले महीने अपने भतीजे से जुड़े रिश्वतखोरी के एक मामले में रेलमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था वहीं पिछले महीने ही अश्विनी कुमार ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले पर सीबीआई की जांच रिपोर्ट में कथित हस्तक्षेप पर उठे विवाद के बाद पद छोड़ा था।
इससे पहले द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस द्वारा संप्रग सरकार से समर्थन वापसी के कारण भी कुछ पद खाली हुए थे।
मंत्रि-परिषद में कुछ मंत्री एक से अधिक प्रभार संभाल रहे हैं और उन्हें एक-एक मंत्रालय छोड़ने के लिए कहा जा सकता है।
इसके अलावा यह भी संभावना है कि कुछ मंत्रियों को मंत्रि-परिषद छोड़कर अगले लोकसभा चुनावों से पहले संगठन के काम में लगाया जाए। इसी बीच एआईसीसी में भी हेर-फेर हो सकती है जो पिछले काफी अर्से से लंबित है।
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