कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मुलाकात की. हालांकि, नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में पिछले 16 दिनों से जारी गतिरोध तत्काल खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे.
स्पीकर से सोनिया की संक्षिप्त मुलाकात के तुरंत बाद कांग्रेस ने साफ कर दिया कि लोकसभा में मतविभाजन कराने वाले नियम के तहत नोटबंदी पर चर्चा कराने और राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की पार्टी की मांगों में कोई नरमी नहीं आई है.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि सत्ता पक्ष लोकसभा में बहुमत के बावजूद मतविभाजन कराने से 'डर' रहा है, क्योंकि उसे आशंका है कि उसकी कुछ सहयोगी पार्टियां उसके खिलाफ वोट कर सकती हैं.
सिंघवी ने भाजपा की इस मांग को 'सदी का चुटकुला' करार दिया, जिसमें सत्ताधारी पार्टी ने कहा है कि संसद की कार्यवाही बाधित करने को लेकर विपक्ष माफी मांगे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से 100 करोड़ से ज्यादा लोगों के प्रभावित होने पर माफी तो प्रधानमंत्री मोदी को मांगनी चाहिए.
भाजपा और मोदी सरकार पर पलटवार करते हुए सिंघवी ने पत्रकारों को बताया कि संसद में चर्चा कर पाने में सत्ता पक्ष की 'नाकामी' उसकी 'घबराहट और डर' को दिखाता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संसद में राहुल गांधी को बोलने नहीं दे रही है, क्योंकि उसे 'उनसे डर लगता है'. सिंघवी ने कहा, 'भाजपा बहादुरी के दावे करने के बाद भी डर रही है, क्योंकि उसका मानना है कि यह बहादुरी एक और 'जुमला' है'. उन्होंने कहा कि भाजपा को 'डर' है कि उसके कुछ गठबंधन साझेदार उसके फैसले का समर्थन नहीं करेंगे.
मोदी सरकार को लोकसभा में मतविभाजन के साथ चर्चा कराने के लिए एक तरह से ललकारते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'बातें नहीं बल्कि नतीजे ही किसी चीज के सबूत होते हैं'.
वहीं, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, 'राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की ओर से संसद में हंगामा कर रहे विपक्ष को दिए गए कड़े संदेश के बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए'. हुसैन ने कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के ऐसे व्यवहार के कारण राष्ट्रपति को खुद दखल देना पड़ा. उन्होंने कहा, 'उन्हें तो राष्ट्रपति से भी माफी मांगनी चाहिए'.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
स्पीकर से सोनिया की संक्षिप्त मुलाकात के तुरंत बाद कांग्रेस ने साफ कर दिया कि लोकसभा में मतविभाजन कराने वाले नियम के तहत नोटबंदी पर चर्चा कराने और राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की पार्टी की मांगों में कोई नरमी नहीं आई है.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि सत्ता पक्ष लोकसभा में बहुमत के बावजूद मतविभाजन कराने से 'डर' रहा है, क्योंकि उसे आशंका है कि उसकी कुछ सहयोगी पार्टियां उसके खिलाफ वोट कर सकती हैं.
सिंघवी ने भाजपा की इस मांग को 'सदी का चुटकुला' करार दिया, जिसमें सत्ताधारी पार्टी ने कहा है कि संसद की कार्यवाही बाधित करने को लेकर विपक्ष माफी मांगे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से 100 करोड़ से ज्यादा लोगों के प्रभावित होने पर माफी तो प्रधानमंत्री मोदी को मांगनी चाहिए.
भाजपा और मोदी सरकार पर पलटवार करते हुए सिंघवी ने पत्रकारों को बताया कि संसद में चर्चा कर पाने में सत्ता पक्ष की 'नाकामी' उसकी 'घबराहट और डर' को दिखाता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संसद में राहुल गांधी को बोलने नहीं दे रही है, क्योंकि उसे 'उनसे डर लगता है'. सिंघवी ने कहा, 'भाजपा बहादुरी के दावे करने के बाद भी डर रही है, क्योंकि उसका मानना है कि यह बहादुरी एक और 'जुमला' है'. उन्होंने कहा कि भाजपा को 'डर' है कि उसके कुछ गठबंधन साझेदार उसके फैसले का समर्थन नहीं करेंगे.
मोदी सरकार को लोकसभा में मतविभाजन के साथ चर्चा कराने के लिए एक तरह से ललकारते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'बातें नहीं बल्कि नतीजे ही किसी चीज के सबूत होते हैं'.
वहीं, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, 'राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की ओर से संसद में हंगामा कर रहे विपक्ष को दिए गए कड़े संदेश के बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए'. हुसैन ने कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के ऐसे व्यवहार के कारण राष्ट्रपति को खुद दखल देना पड़ा. उन्होंने कहा, 'उन्हें तो राष्ट्रपति से भी माफी मांगनी चाहिए'.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं