नोएडा के सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या के पीछे निजी वजह : पुलिस

नई दिल्ली:

कई फोरेंसिक एक्सपर्ट और पुलिसकर्मी अंकित चौहान की फॉर्च्यूनर कार की बारीकी से जांच करते दिखे इस उम्मीद से कि कार से कत्ल का कोई सुराग मिल जाए। कार में सवार टीसीएस कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियर 26 साल के अंकित को नज़दीक से तीन गोलियां मारी गईं, कार चला रहे अंकित की मौत हो गई, जबकि बगल वाली सीट पर बैठा उसका दोस्त गगन बाल-बाल बच गया।

वारदात सोमवार शाम करीब 4 बजे सेक्टर 76 की है जब अंकित सेक्टर 77 में अपने घर जा रहा था। रास्ते में एक सफेद रंग की होंडा एकॉर्ड कार ने अंकित की कार को ओवरटेक किया और कार में सवार दो लड़कों ने फायरिंग कर दी। इस दौरान अंकित की कार पेड़ से जा टकराई।

वारदात के बाद हमलावर फरार हो गए। अंकित के दोस्त गगन का कहना है कि वह काफी देर तक लोगों से मदद की गुहार करता रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। दरअसल, गगन को कार चलाना नहीं आता था, ऐसे में काफी देर तक अंकित कार में ही पड़ा रहा।

चीखते चिल्लाते गगन की आवाज बाइक पर आ रहे दो लड़कों ने सुनी और बाइक सवार पप्पू ने बताया कि उसने खून में लथपथ अंकित को देखकर फौरन फॉर्च्यूनर की ड्राइविंग सीट पर बैठा और अंकित को कैलाश अस्पताल ले पहुंचा, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

खबर मिलते ही अंकित की पत्नी अमीशा भी अस्पताल पहुंची। अमीषा का रो-रोकर बुरा हाल था। अमीषा भी नोएडा में ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। इसी साल 10 मार्च को दोनों की शादी हुई थी। अमीषा अंकित के साथ सेक्टर 77 में रह रही थी। घरवालों के मुताबिक, अंकित की किसी से दुश्मनी नहीं थी, लेकिन पुलिस कत्ल के पीछे कोई निजी वजह मान रही है, क्योंकि वारदात के वक्त न तो लूट हुई और न ही रोडरेज। नोएडा के एसपी सिटी दिनेश यादव का कहना है कि अंकित की कुछ दिन पहले शादी हुई थी, इन सब पहलुओं का ध्यान में रखकर जांच चल रही है।
 
पुलिस को आरोपियों की कार का सीसीटीवी फुटेज भी मिला है, लेकिन जांच में कार का नंबर फर्जी निकला, अब अंकित के करीबी लोगों से पूछताछ चल रही है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ है कि अंकित को दो गोलियां गर्दन में और एक हाथ में लगी है। अंकित मूल रूप से मेरठ का रहने वाला था।


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