जून से सितंबर के बीच मानसूनी बारिश 95 प्रतिशत रह सकती है...
नई दिल्ली:
मौसम संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने वाली वेबसाइट स्कायमेट के अनुसार इस साल (2017 में) भी मानसून सामान्य से कम रहेगा. वेबसाइट के अनुमान के मुताबिक, इस साल भी मॉनसून 95% के करीब होगा यानी सामान्य से कम रहेगा. हालांकि, अनुमान में 5% कम या ज्यादा का अंतर हो सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्री-मॉनसून बारिश उत्तर-पूर्व में जल्द ही शुरू हो सकती है. इसके अनुसार जून से सितंबर के बीच मानसूनी बारिश 95 प्रतिशत रह सकती है. हालांकि भारतीय मौसम विभाग ने अभी तक कोई संकेत नहीं दिया है.
बता दें कि देश में 70 प्रतिशत बरसात इन्ही तीन महीनों में होती है जिस पर खेती निर्भर करती है और यह खरीफ फसलों के लिए महत्वपूर्ण है। स्कायमैट के अनुसार अल नीनो का असर मानसून पर हवी हो सकता है और इसके चलते सामान्य मानसून की 50 फीसदी की उम्मीद है. पश्चिमी इलाके और इससे जुड़े मध्य भारत के ज्यादातर हिस्सों में समान्य से कम बरसात हो सकती है, वहीं पूर्वी भारत में अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है.
अलनीनो का असर
कमजोर मानसून के लिए इस बार अल नीनो जिम्मेदार माना जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया मौसम विभाग के मुताबिक अल-नीनो बढ़ने से एशिया में सूखा और दक्षिण अमेरिका में भारी बारिश की संभावना बन रही है. अल-नीनो का असर जुलाई से दिखने को मिल सकता है. 2016 में अच्छे मानसून से मजबूत खरीफ फसल के बाद एक बार फिर 2017 में खराब मानसून की आशंका है. इससे पहले 2014 और 2015 में भी अलनीनो के चलते सूखे का दंश झेलना पड़ा था.
बता दें कि देश में 70 प्रतिशत बरसात इन्ही तीन महीनों में होती है जिस पर खेती निर्भर करती है और यह खरीफ फसलों के लिए महत्वपूर्ण है। स्कायमैट के अनुसार अल नीनो का असर मानसून पर हवी हो सकता है और इसके चलते सामान्य मानसून की 50 फीसदी की उम्मीद है. पश्चिमी इलाके और इससे जुड़े मध्य भारत के ज्यादातर हिस्सों में समान्य से कम बरसात हो सकती है, वहीं पूर्वी भारत में अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है.
अलनीनो का असर
कमजोर मानसून के लिए इस बार अल नीनो जिम्मेदार माना जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया मौसम विभाग के मुताबिक अल-नीनो बढ़ने से एशिया में सूखा और दक्षिण अमेरिका में भारी बारिश की संभावना बन रही है. अल-नीनो का असर जुलाई से दिखने को मिल सकता है. 2016 में अच्छे मानसून से मजबूत खरीफ फसल के बाद एक बार फिर 2017 में खराब मानसून की आशंका है. इससे पहले 2014 और 2015 में भी अलनीनो के चलते सूखे का दंश झेलना पड़ा था.
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