मानसून की सुस्त गति की वजह से केरल में होने वाली इसकी शुरुआत में देरी हो रही है. मौसम की भविष्यवाणी करने वाली प्राइवेट कंपनी स्काईमेट (Skymet) ने बताया, 'मानसून की पूर्वानुमान तिथि को संशोधित किया जा रहा है.' इससे पहले स्काईमेट ने कहा था, केरल में मानसून (Monsoon) 4 जून के आस-पास पहुंचेगा लेकिन अब स्काईमेट ने कहा, 'ताजा मौसम के हालात संकेत दे रहे हैं कि मानसून की शुरुआत अब 7 जून के आस-पास होगी, जिसमें 2 दिन आगे-पीछे हो सकते हैं. वहीं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, 'केरल में मानसून के 6 जून तक आने की संभावना है जिसमें 4 दिन आगे-पीछे हो सकते हैं.' स्काईमेट मौसम विभाग के अध्यक्ष जीपी शर्मा ने कहा, 'मानसून की गति बदल रही है. स्थिति को पहले जैसा होने में कुछ और दिन लगेंगे.' शर्मा ने मानसून की सुस्त गति के 3 कारण बताए. उन्होंने कहा, 'अफ्रीका के हॉर्न पर सोमालिया तट से कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जो हवा के पैटर्न को नियंत्रित कर रहा है.'
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उन्होंने कहा, 'एक एंटी-साइक्लोन उच्च दबाव प्रणाली हवा को और अधिक धीमा बना रही है. अरब सागर नॉर्थईस्ट हवाओं को धकेल रहा है जो कि पश्चिमी तट के साथ बह रही हैं. ये हवाएं तट पर बारिश देने में सहायक नहीं हैं. मानसून के बढ़ने की शुरुआत के लिए सोमाली जेट घटना भी बहुत महत्वपूर्ण है.सोमाली जेट मजबूत हवाओं का मूल है जो केन्या से निकलती है और अंत में हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करती है और केरल की ओर बढ़ती है.'
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मानसून ने 18 मई को अंडमान और निकोबार द्वीपों पर उपस्थिति दर्ज कराई थी, जो कि संभावित तारीख 20 मई से थोड़ा पहले है. शर्मा ने कहा, 'इसकी प्रगति बेहद सुस्त बनी हुई है.' 27 मई तक, मानसून वृद्धि ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ और हिस्सों को कवर किया और 30 मई तक, पोर्ट ब्लेयर सहित बंगाल की खाड़ी और द्वीपों के एक महत्वपूर्ण हिस्से को कवर किया. स्काईमेट ने कहा, 'आमतौर पर, 25 मई तक, मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) पोर्ट ब्लेयर के साथ-साथ श्रीलंका को भी कवर करती है.'