
सीताराम येचुरी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सीताराम येचुरी ने कहा कि तीसरा मोर्चा बनाने का अगर एकमात्र उद्देश्य सिर्फ सत्ता में आना है तो इस मोर्चे के सफल होने की संभावना काफी कम है. उन्होंने यह बात एक बार फिर माकपा महासचिव चुने जाने के बाद कही. पार्टी की 22 वीं कांग्रेस के समापन पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तीसरे मोर्चे का आधार और इसके गठन की नीति मजबूत होनी चाहिए और यह जन आंदोलनों से ही निकलना चाहिए. अगरे ऐसा होता है तब जाकर ही यह देश के लिए एक नया और ठोस विकल्प बन पाएगा.
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लिहाजा तीसरा मोर्चा बनाते समय इस बात का ध्यान रखा बेहद जरूरी है. येचुरी ने कहा कि अगर सिर्फ सत्ता में आने ही अगर एक मात्र उद्देश्य हुआ तो इससे किसी को कुछ खास नहीं मिलने वाला. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने उनसे बात की थी और गैर - कांग्रेस , गैर - भाजपा मोर्चा लाने की इच्छा जताई थी और इस पर मेरी राय मांगी थी. (इनपुट भाषा से)
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लिहाजा तीसरा मोर्चा बनाते समय इस बात का ध्यान रखा बेहद जरूरी है. येचुरी ने कहा कि अगर सिर्फ सत्ता में आने ही अगर एक मात्र उद्देश्य हुआ तो इससे किसी को कुछ खास नहीं मिलने वाला. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने उनसे बात की थी और गैर - कांग्रेस , गैर - भाजपा मोर्चा लाने की इच्छा जताई थी और इस पर मेरी राय मांगी थी. (इनपुट भाषा से)
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