सिंगूर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खुशी मनाते हुए लोग
हैदराबाद.:
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने स्वीकार किया है कि पश्चिम बंगाल की पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार ने प्रस्तावित टाटा मोटर्स परियोजना के लिए सिंगूर में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में ‘गलती’ की थी जिससे ममता बनर्जी को राजनीतिक रूप से मदद मिली. भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि सिंगूर प्रकरण ने किसानों के प्रति वाममोर्चे के रुख को लेकर ‘नकारात्मक प्रभाव’ पैदा किया और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजनीतिक रूप से इसका पूरा फायदा उठाया.
रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे. शीर्ष अदालत ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की पूर्व वाममोर्चा सरकार की पूरी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया निरस्त कर दी थी. भाकपा नेता ने कहा, ‘वे (ममता) वामदलों को लेकर नकारात्मक प्रभाव पैदा करने में सफल रहीं लेकिन कुल मिलाकर बंगाल ने (बड़ा उद्योग) खोया. मुझे विश्वास है कि आगामी समय में (औद्योगिक निवेश पर) नकारात्मक असर रहेगा.’ रेड्डी ने कहा ‘सरकार ने एक बड़े उद्योग को लाने के लिए अच्छी मंशा के साथ भूमि हासिल की थी जो राज्य को रोजगार तथा राजस्व दे सकता था, अपनाया गया तरीका सही नहीं था.’
उन्होंने कहा, ‘उन्हें (वाम सरकार) किसानों को राजी करना चाहिए था. जो भूमि देना नहीं चाहते थे, उन्हें वैकल्पिक भूमि दी जानी चाहिए थी और ज्यादा मुआवजा तथा अन्य दिया जाना चाहिए था. दुर्भाग्य से वहां की सरकार ने भूल की.’ उन्होंने कहा कि चूंकि तत्कालीन पश्चिम बंगाल सरकार की उद्योग लाने की मंशा अच्छी थी, अब प्रभावित किसानों से माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है.
रेड्डी ने कहा, ‘हमें निश्चित रूप से सबक सीखने चाहिए. इस तरह की गलती नहीं होनी चाहिए. जब एक निजी कंपनी को उद्योग शुरू करना होता है, सरकार इसे सब्सिडी दे सकती है और अगर जरूरी हो तो उससे और धन उपलब्ध कराने के लिए कहा जाना चाहिए.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे. शीर्ष अदालत ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की पूर्व वाममोर्चा सरकार की पूरी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया निरस्त कर दी थी. भाकपा नेता ने कहा, ‘वे (ममता) वामदलों को लेकर नकारात्मक प्रभाव पैदा करने में सफल रहीं लेकिन कुल मिलाकर बंगाल ने (बड़ा उद्योग) खोया. मुझे विश्वास है कि आगामी समय में (औद्योगिक निवेश पर) नकारात्मक असर रहेगा.’ रेड्डी ने कहा ‘सरकार ने एक बड़े उद्योग को लाने के लिए अच्छी मंशा के साथ भूमि हासिल की थी जो राज्य को रोजगार तथा राजस्व दे सकता था, अपनाया गया तरीका सही नहीं था.’
उन्होंने कहा, ‘उन्हें (वाम सरकार) किसानों को राजी करना चाहिए था. जो भूमि देना नहीं चाहते थे, उन्हें वैकल्पिक भूमि दी जानी चाहिए थी और ज्यादा मुआवजा तथा अन्य दिया जाना चाहिए था. दुर्भाग्य से वहां की सरकार ने भूल की.’ उन्होंने कहा कि चूंकि तत्कालीन पश्चिम बंगाल सरकार की उद्योग लाने की मंशा अच्छी थी, अब प्रभावित किसानों से माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है.
रेड्डी ने कहा, ‘हमें निश्चित रूप से सबक सीखने चाहिए. इस तरह की गलती नहीं होनी चाहिए. जब एक निजी कंपनी को उद्योग शुरू करना होता है, सरकार इसे सब्सिडी दे सकती है और अगर जरूरी हो तो उससे और धन उपलब्ध कराने के लिए कहा जाना चाहिए.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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