पुराने मैसूर क्षेत्र में सिद्धरमैया और जेडीएस को मिलेगा सबसे बड़ा चुनावी सदमा : अमित शाह

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पुराने मैसूर क्षेत्र से दौरे की शुरुआत की, यहां पिछले चुनाव में भाजपा को नहीं मिली थी एक भी सीट

पुराने मैसूर क्षेत्र में सिद्धरमैया और जेडीएस को मिलेगा सबसे बड़ा चुनावी सदमा : अमित शाह

अमित शाह ने शुक्रवार को कर्नाटक में भाजपा की‘ नव शक्ति समावेश’ रैली को संबोधित किया.

खास बातें

  • पुराने मैसूर क्षेत्र में कांग्रेस और जेडीएस के बीच सीधा मुकाबला
  • शाह ने सिद्धरमैया सरकार को 'कमीशन सरकार' कहा
  • मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का गृह क्षेत्र है मैसूर
मैसूर:

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) को पुराने मैसूर क्षेत्र से‘‘अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा’’ लगेगा. भाजपा की‘ नव शक्ति समावेश’ रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह बात कही.

अमित शाह ने कहा, ‘‘ कहा जाता है कि भाजपा यहां (पुराने मैसूर क्षेत्र में) थोड़ी कमजोर है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का काम देखने के बाद मुझे उम्मीद है कि सिद्धरमैया जी और जेडीएस को इस (पुराने) मैसूर क्षेत्र से अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा लगेगा.’’ शाह ने आज पुराने मैसूर क्षेत्र से अपने दौरे की शुरुआत की, जहां पिछले चुनाव में भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.

अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान शाह मैसूर, चामराजनगर, मांड्या और रामनगर जिलों का दौरा करने वाले हैं. वोक्कालिंगा समुदाय का प्रभाव क्षेत्र माने जाने वाले इन चार जिलों की कुल 26 विधानसभा सीटों में से भाजपा 2013 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. इसके अलावा, यह मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का गृह क्षेत्र है. सिद्धरमैया मैसूर के रहने वाले हैं.

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पुराने मैसूर में मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की अगुवाई वाली जेडीएस के बीच माना जा रहा है. शाह ने कहा कि जेडीएस नहीं बल्कि भाजपा में सिद्धरमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का माद्दा है, क्योंकि देवगौड़ा की पार्टी तो ‘‘बस यहां- वहां कुछ सीटें हासिल करेगी.’’ भाजपा अध्यक्ष ने मैसूर के लोगों से कहा कि वे एक‘‘कमीशन सरकार’’ और कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाने वाली सरकार के बीच चुनाव करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में एक रैली में सिद्धरमैया सरकार को‘‘10 फीसदी कमीशन सरकार’’ करार दिया था.

शाह ने कहा कि उनकी पार्टी सिद्धरमैया को हटाकर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री ही नहीं बनाना चाहती, बल्कि ऐसा बदलाव भी लाना चाहती है जिससे कर्नाटक को विकास के पथ पर ले जाया जा सके. इस हफ्ते की शुरुआत में दावणगेरे में अपनी जुबान फिसलने की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने सिद्धरमैया के भ्रष्टाचार का जिक्र करते वक्त अपने संबोधन में गलती कर दी थी, लेकिन राज्य की जनता ऐसी गलती नहीं करेगी, क्योंकि वे सिद्धरमैया के शासन को अच्छी तरह जानते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ सिद्धरमैया और राहुल गांधी सिद्धरमैया के भ्रष्टाचार के बारे में बोलते वक्त मुझसे हुई गलती पर काफी खुश थे. मैंने गलती की थी, लेकिन कर्नाटक के लोग ऐसी गलती नहीं करेंगे, क्योंकि वे सिद्दरमैया सरकार को बहुत अच्छी जान गए हैं.’’  

VIDEO : अमित शाह की रैली में हंगामा

दावणगेरे में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सिद्धरमैया सरकार को‘‘सबसे भ्रष्ट’’ बताने की कोशिश में उन्होंने‘‘येदियुरप्पा’’ सरकार का जिक्र कर दिया था. बहरहाल, भाजपा सांसद प्रहलाद जोशी की ओर से गलती की तरफ ध्यान दिलाने के बाद शाह ने अपनी गलती सुधार ली थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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