मध्य प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि (Rain Hailstorm) से पीड़ित किसान परिवारों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की मुलाकात में एक अजीबोगरीब घटनाक्रम सामने आया है. चौहान शुक्रवार को अशोकनगर जिले की तहसील मुंगावली के ग्राम बजावन में प्रभावित फसलों का निरीक्षण कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हुए किसानों को इस दुख की घड़ी में संकट के पार निकालेंगे. फसलों को हुए नुकसान की राहत राशि एवं बीमा राशि का किसानों को शीघ्र भुगतान करवाया जाएगा. उसी दिन उन्होंने राजकुमारी बाई के खेत में पहुंचकर सरसों की फसल के नुकसानी का जायजा लिया.
Chief Minister @ChouhanShivraj on Friday inspected the affected crops of Rajkumari Bai and took stock of the damage caused to the mustard crop he assured and comforted her that the damage caused would be compensated @ndtv @ndtvindia pic.twitter.com/WL4Bgj2jhR
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) January 16, 2022
ढांढस बधाते हुए उन्हें अपने कंधे से लगाकर भरोसा दिलाया कि जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाएगी. शाम को ही मुंगावली तहसीलदार दिनेश सांवले ने राजकुमारी बाई को 50 हजार का चेक सौंपा और कहा कि सीएम के निर्देश पर कलेक्टर द्वारा किसान को सहायता पहुंचाई गई. लेकिन इस चेक पर सवाल खड़े होने लगे क्योंकि चेक जितेंद्र शर्मा के हस्ताक्षर से जारी किया गया था, जो वहां पटवारी हैं. इसके बाद स्थानीय मीडिया और कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किये.
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कांग्रेस महासचिव केके मिश्रा ने इस मामले में ट्विटर पर लिखा, "खर्चे किसी के चर्चे किसी के" मुंगावली के बाजवन गांव में ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने से जिस महिला ने CM के सामने दुखड़ा रोया था उसे 50 हज़ार का चेक पटवारी जितेंद्र शर्मा के खाते का दिया! सहायता सरकारी कर्मचारी से, यह है सरकार का सच! इसके बाद जिला प्रशासन ने इस महिला को दूसरा चेक रेड क्रॉस सोसायटी का दिया. इस मसले पर हमने ज़िला कलेक्टर उमा माहेश्वरी से बात की तो उन्होंने पहले चेक के बार में अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उनके हस्ताक्षर से पीड़ित को 50,000 रुपये की सहायता राशि दी गई है जिसे सोमवार को भुना लिया जाएगा.
राज्य में ओलावृष्टि और बारिश से व्यापक नुकसान हुआ है, सरसों-दलहन की लगभग 50 फीसदी फसल बर्बाद हो गई है. सरकार ने कहा है कि अगर फसल का 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है, तो 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर राहत राशि दी जाएगी. फसल बीमा का लाभ अलग से मिलेगा. साथ ही अल्पकालीन ऋण की वसूली स्थगित की जायेएगी और अल्पकालीन फसल ऋण को मध्यकालीन ऋण में बदला जाएगा. जनहानि के लिये 4 लाख, गाय-भैंस की मृत्यु पर 30 हजार रुपये और छोटे पशुओं बछड़ा-बछड़ी, बकरा-बकरी तथा मुर्गा-मुर्गी के लिये भी राहत राशि दी जायेगी. यदि मकानों को क्षति हुई है, खपरेल को नुकसान पहुंचा है, तो इसके लिये भी मुआवजा राशि दी जाएगी.
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