यह ख़बर 01 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बिजली दर मुद्दे पर केजरीवाल के आरोप का शीला ने किया खंडन

खास बातें

  • आप नेता केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की दर नहीं घटाए जाने की वजह दिल्ली सरकार व बिजली वितरण कंपनियों के बीच सांठगांठ होना बताया, वहीं मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इस आरोप का खंडन करते हुए इसे सरासर झूठ करार दिया।
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की दर नहीं घटाए जाने की वजह दिल्ली सरकार व बिजली वितरण कंपनियों के बीच सांठगांठ होना बताया, वहीं मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इस आरोप का खंडन करते हुए इसे सरासर झूठ करार दिया।

शीला ने कहा, "उनका आरोप निराधार और पूरी तरह झूठ है। एनडीपीएल और डीईआरसी ने भी इसका खंडन किया है। यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है।"

केजरीवाल ने कहा कि कहा कि आम आदमी पर बोझ बढ़ाकर बिजली कंपनियों ने 3,577 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। बिजली की जो मौजूदा दर है, उससे 23 फीसदी कम होनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष पीडी सुधाकर बिजली कंपनियों के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।

केजरीवाल ने यह भी कहा कि डीईआरसी के पूर्व अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह ने 2010 में जब बिजली की दर घटाने का प्रयास किया था, तब बिजली कंपनियां दिल्ली सरकार से गुहार लगाने चली गई थी।

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उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री का नाम लेते हुए कहा, "शीला दीक्षित ने आदेश दिया था कि बिजली की दर नहीं घटाई जाए।" केजरीवाल ने सरकार के आदेश की प्रतियां भी मीडिया को उपलब्ध कराई।