मुंबई:
देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह में निवेशकों की नजर पिछले कारोबारी साल की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए कंपनी के परिणामों पर टिकी रहेगी। शनिवार को बीएसई और एनएसई में विशेष कारोबारी सत्र सम्पन्न होगा।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) शनिवार 11 मई 2013 को अपनी आपदा रिकवरी सॉफ्टवेयर की जांच करेगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई ने शनिवार को विशेष कारोबारी सत्र संचालित करने का फैसला किया है। कारोबारी सत्र सुबह 11.15 बजे से 12.45 बजे तक चलेगा।
निवेशकों का ध्यान आगामी सप्ताह तिमाही परिणामों पर रहेगा। सोमवार को बैंक ऑफ बड़ौदा, मंगलवार को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डॉ रेड्डीज लैब, गुरुवार को बजाज ऑटो और शुक्रवार को आईटीसी का परिणाम आएगा।
सरकार सोमवार को अप्रैल महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से संबंधित आंकड़े जारी करेगी। मार्च में उपभोक्ता महंगाई दर 10.39 फीसदी रही थी, जो फरवरी में 10.91 फीसदी थी। सरकार मंगलवार को अप्रैल महीने के लिए ही थोक मूल्य सूचकांक से सम्बंधित महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी।
मार्च में थोक महंगाई दर 5.96 फीसदी रही थी, जो 40 महीने में सबसे कम है और यह फरवरी के 6.84 फीसदी से भी काफी कम है।
आने वाले कुछ महीनों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है। शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशा-निर्देश के मुताबिक सूचीबद्ध निजी कंपनियों में प्रमोटर की हिस्सेदारी घटानी होगी और आम निवेशकों को कम से कम 25 फीसदी हिस्सेदारी देनी होगी। इसी तरह सरकारी सूचीबद्ध कंपनियों में आम निवेशकों को कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी देनी होगी।
सेबी के आदेश के मुताबिक निजी कंपनियों के संस्थापकों को 30 जून 2013 तक अपनी हिस्सेदारी घटानी होगी, जबकि सरकारी कंपनियों को 31 अगस्त तक सेबी के आदेश पालन करना होगा।
वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कम्पनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कम्पनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिली जुली हो सकती है। सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। इसका असर वित्तीय घाटा प्रबंधन पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है। और वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त काफी गिरावट चल रहा है इसे देखते हुए निवेशक बॉटम अप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाय खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) शनिवार 11 मई 2013 को अपनी आपदा रिकवरी सॉफ्टवेयर की जांच करेगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई ने शनिवार को विशेष कारोबारी सत्र संचालित करने का फैसला किया है। कारोबारी सत्र सुबह 11.15 बजे से 12.45 बजे तक चलेगा।
निवेशकों का ध्यान आगामी सप्ताह तिमाही परिणामों पर रहेगा। सोमवार को बैंक ऑफ बड़ौदा, मंगलवार को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डॉ रेड्डीज लैब, गुरुवार को बजाज ऑटो और शुक्रवार को आईटीसी का परिणाम आएगा।
सरकार सोमवार को अप्रैल महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से संबंधित आंकड़े जारी करेगी। मार्च में उपभोक्ता महंगाई दर 10.39 फीसदी रही थी, जो फरवरी में 10.91 फीसदी थी। सरकार मंगलवार को अप्रैल महीने के लिए ही थोक मूल्य सूचकांक से सम्बंधित महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी।
मार्च में थोक महंगाई दर 5.96 फीसदी रही थी, जो 40 महीने में सबसे कम है और यह फरवरी के 6.84 फीसदी से भी काफी कम है।
आने वाले कुछ महीनों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है। शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशा-निर्देश के मुताबिक सूचीबद्ध निजी कंपनियों में प्रमोटर की हिस्सेदारी घटानी होगी और आम निवेशकों को कम से कम 25 फीसदी हिस्सेदारी देनी होगी। इसी तरह सरकारी सूचीबद्ध कंपनियों में आम निवेशकों को कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी देनी होगी।
सेबी के आदेश के मुताबिक निजी कंपनियों के संस्थापकों को 30 जून 2013 तक अपनी हिस्सेदारी घटानी होगी, जबकि सरकारी कंपनियों को 31 अगस्त तक सेबी के आदेश पालन करना होगा।
वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कम्पनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कम्पनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिली जुली हो सकती है। सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। इसका असर वित्तीय घाटा प्रबंधन पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है। और वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त काफी गिरावट चल रहा है इसे देखते हुए निवेशक बॉटम अप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाय खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
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