
Maharashtra Assembly Election 2019: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने रविवार को पूछा कि भाजपा को अगर लगता है कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्ष के साथ कोई मुकाबला नहीं है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इतनी बड़ी संख्या में रैली का आयोजन क्यों कर रहे हैं. चालीसगांव में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि भाजपा की नींद उड़ी हुई है क्योंकि युवा सत्तारूढ़ दल को हराने के लिए तैयार हैं. पवार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के लिए भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को बधाई दी और पूछा कि क्या उनके पास अनुच्छेद 371 को निरस्त करने का साहस है जिसके तहत पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को विशेष अधिकार मिले हैं .
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पवार ने जामनेर में एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने कहा है कि चुनावी संघर्ष में भाजपा के समक्ष वह विपक्ष को कहीं नहीं देखते हैं. मैं महाराष्ट्र पहलवान एसोसिएशन का अध्यक्ष हूं. हमारे पहलवान अन्य पहलवानों से लड़ते हैं और दूसरों से नहीं .'' उन्होंने पूछा, ‘‘अगर उन्हें लगता है कि महाराष्ट्र में लड़ाई नहीं है तो प्रधानमंत्री प्रदेश में नौ रैली क्यों कर रहे हैं, केंद्रीय गृह मंत्री 20 और मुख्यमंत्री 50 रैलियां क्यों कर रहे हैं . उनकी नींद उड़ गयी है क्योंकि युवा उनलोगों को हराने के लिए तैयार हैं. इसलिये वे महाराष्ट्र में घूम रहे हैं.'' शाह के इस बयान पर कि उन्होंने (पवार ने) महाराष्ट्र के लिए क्या किया है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी क्षेत्रों में राज्य को नंबर एक बनाने का प्रयास किया और उन्होंने उद्योगों के विकास के लिए और उसके बाद रोजगार के लिए कदम उठाए . पवार ने कहा, ‘‘जब मैं मुख्यमंत्री था, तब महाराष्ट्र में 1978 में रोजगार गारंटी योजना लागू की गई थी .'' उन्होंने बताया कि जब उन्होंने राज्य का नेतृत्व किया तब स्थानीय निकाय में महिलाओं को आरक्षण दिया गया. राकांपा नेता ने दोहराया कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन मामले में उनका नाम जोड़ा है जबकि वह बैंक के सदस्य भी नहीं हैं . भाजपा के शासन में फैक्ट्रियां और व्यापार बंद हुए हैं . पूर्व कृषि मंत्री ने दाव किया कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन के शासनकाल में 16 हजार किसानों ने आत्महत्या की है.
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