दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) पर देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर की नजरें टिकी हैं. विदेशी मीडिया भी शाहीन बाग के पल-पल का मूवमेंट कवर कर रही है. वहां नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में पिछले दो महीने से धरना प्रदर्शन चल रहा है. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, हर उम्र के लोग प्रदर्शन स्थल पर नजर आ रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार CAA वापस ले या फिर उन्हें लिखित आश्वासन दे दे कि भविष्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लागू नहीं किया जाएगा. अभी तक सरकार की ओर से बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) साफ कह चुके हैं कि किसी भी कीमत पर CAA वापस नहीं लिया जाएगा. दूसरी ओर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों पर सड़क जाम करने का भी आरोप लग रहा है. जिस जगह पर धरना दिया जा रहा है, वह सड़क दिल्ली से नोएडा को जोड़ती है. इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है. शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों से कहा था, 'आप सड़क को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं कर सकते.'
शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल के दोनों ओर ट्रैफिक बाधित हो रहा है लेकिन क्या यह वाकई शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों की वजह से हो रहा है या फिर इसे जान-बूझकर किया जा रहा है. NDTV ने इसकी पड़ताल की. दोनों ओर (नोएडा और दिल्ली) करीब पांच जगहों पर सड़क को ब्लॉक किया गया है. प्रदर्शन स्थल ने 150 मीटर की जगह घेरी है. अगर आप नोएडा की ओर से जा रहे हैं तो सबसे पहले आपको नोएडा के भीतर ही बैरिकेडिंग मिल जाएगी. धरनास्थल से दो किलोमीटर पहले ही सड़क बंद कर दी गई है. शाहीन बाग को ट्रैफिक से काटने से अलावा, यह नाकेबंदी जामिया, कालिंदी कुंज और फरीदाबाद जाने वाले वैकल्पिक मार्ग से भी काटती है. इसका शाहीन बाग के प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है और यह इतनी दूरी पर है कि जहां से यातायात के लिए इजाजत दी जा सकती है.
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जिसके बाद हमने दूसरी तरफ ट्रैफिक रोकने के लिए डायवर्जन की ओर का रुख किया. डीएनडी फ्लाई-वे, आश्रम और मथुरा रोड के बाद हम नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले पॉपुलर रूट जीडी बिरला रोड पहुंचे, जहां शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी हर रोज धरने पर बैठते हैं. दिल्ली की ओर से नाकाबंदी कम की गई है. जिस जगह पर नाकेबंदी की गई है, वहां से प्रदर्शन स्थल 500-800 मीटर की दूरी पर है. यह वही जगह है जहां कपिल गुर्जर नाम के शख्स ने हवाई फायरिंग की थी. वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि इमरजेंसी मामलों को छोड़कर किसी भी वाहन को यहां लाने की इजाजत नहीं है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इतनी ज्यादा नाकेबंदी प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए प्रशासनिक नहीं बल्कि राजनीतिक फैसला है. यह दिल्ली पुलिस का फैसला है जो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के मंत्रालय के अधीन है.
वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने अपने सीनियर अफसर से इस बारे में जानकारी लेने की बात कही. जिसके बाद नोएडा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना लिखने की शर्त पर बताया कि इस अतिरिक्त नाकेबंदी के लिए दिल्ली पुलिस ने निवेदन किया था. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थल से ज्यादा वह कालिंदी कुंज के आसपास होने वाले ट्रैफिक से बचना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने हमसे यूपी के सभी एंट्री पॉइंट्स से ट्रैफिक को रोकने का आग्रह किया था. शाहीन बाग निवासी वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य सलीम कहते हैं, 'हमने लगातार पुलिस को बताया कि फरीदाबाद, सरिता विहार और मथुरा रोड जाने वालों के लिए किसी तरह से रूट डायवर्ट किया जा सकता है. जीडी बिरला मार्ग खोलने के लिए कई बार चर्चा की गई लेकिन हर बार पुलिस ने उनके आग्रह को ठुकरा दिया.' एक अन्य प्रदर्शनकारी कहते हैं कि उनका मकसद साफ है कि वह लोग हमें विलेन की तरह पेश करना चाहते हैं. वह चाहते हैं कि इलाके में हो रहे ट्रैफिक के लिए लोग उन्हें जिम्मेदार समझें. वह चाहते हैं कि लोग हमें कोसे और हमसे नफरत करें. बहरहाल शाहीन बाग में प्रदर्शन के खिलाफ अब अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
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