नई दिल्ली:
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष के रूप में मिली अपनी नई भूमिका के लिए समर्थन हासिल करने के मकसद से मंगलवार को पार्टी के 'भीष्म पितामह' लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की।
पार्टी में मोदी को मिली इस नई जिम्मेदारी ने भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) को विभाजित कर दिया है।
मोदी, इन दिनों अस्वस्थ चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी देखने गए और उन्होंने वरिष्ठ पार्टी नेता मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात की।
आडवाणी के एक नजदीकी सूत्र ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच बैठक अच्छी रही तथा सकारात्मक परिणाम वाली रही।
आडवाणी के निवास पर दोनों नेताओं के बीच 45 मिनट तक चली बैठक के बाद हालांकि किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी ने कथित तौर पर राजग के विभाजन सहित वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की।
मोदी को प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जनता दल (युनाइटेड) ने राजग से नाता तोड़ लिया है। जद(यू) ने बिहार में गठबंधन सरकार से भी भाजपा को बाहर कर दिया।
पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी ने पार्टी के अधिकांश नेताओं पर व्यक्तिगत हितसाधन में लगे होने का आरोप लगाते हुए पिछले दिनों पार्टी पदों से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था। इस घटना के बाद आडवाणी और मोदी के बीच यह पहली मुलाकात है।
आडवाणी के विरोध के बावजूद गोवा में मोदी को पार्टी प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के एक दिन बाद ही आडवाणी ने पार्टी पर ये आरोप लगाए थे।
माना जाता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा हस्तक्षेप किए जाने के बाद आडवाणी ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
सूत्रों ने कहा है कि मुलाकात के दौरान मोदी ने आडवाणी से कहा कि वह भाजपा के मार्गदर्शक रहे हैं तथा 2014 के आम चुनावों में भी पार्टी को उनका मार्गदर्शन चाहिए, ताकि बेहतर परिणामों की आस फलीभूत हो।
सूत्रों के अनुसार, मोदी ने आडवाणी को आश्वस्त किया कि सहयोगियों के बगैर भाजपा 2014 का लोकसभा चुनाव जीतेगी।
मोदी ने मंगलवार को वाजपेयी के निवास पर लगभग एक घंटा बिताया किया।
इस बीच कांग्रेस नेता तथा सूचना एवं प्रासरण मंत्री मनीष तिवारी ने मंगलवार को कहा कि "भाजपा में 'गृहयुद्ध' शुरू हो गया है। देखिए, आगे क्या होता है।"
पार्टी में मोदी को मिली इस नई जिम्मेदारी ने भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) को विभाजित कर दिया है।
मोदी, इन दिनों अस्वस्थ चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी देखने गए और उन्होंने वरिष्ठ पार्टी नेता मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात की।
आडवाणी के एक नजदीकी सूत्र ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच बैठक अच्छी रही तथा सकारात्मक परिणाम वाली रही।
आडवाणी के निवास पर दोनों नेताओं के बीच 45 मिनट तक चली बैठक के बाद हालांकि किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी ने कथित तौर पर राजग के विभाजन सहित वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की।
मोदी को प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जनता दल (युनाइटेड) ने राजग से नाता तोड़ लिया है। जद(यू) ने बिहार में गठबंधन सरकार से भी भाजपा को बाहर कर दिया।
पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी ने पार्टी के अधिकांश नेताओं पर व्यक्तिगत हितसाधन में लगे होने का आरोप लगाते हुए पिछले दिनों पार्टी पदों से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था। इस घटना के बाद आडवाणी और मोदी के बीच यह पहली मुलाकात है।
आडवाणी के विरोध के बावजूद गोवा में मोदी को पार्टी प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के एक दिन बाद ही आडवाणी ने पार्टी पर ये आरोप लगाए थे।
माना जाता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा हस्तक्षेप किए जाने के बाद आडवाणी ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।
सूत्रों ने कहा है कि मुलाकात के दौरान मोदी ने आडवाणी से कहा कि वह भाजपा के मार्गदर्शक रहे हैं तथा 2014 के आम चुनावों में भी पार्टी को उनका मार्गदर्शन चाहिए, ताकि बेहतर परिणामों की आस फलीभूत हो।
सूत्रों के अनुसार, मोदी ने आडवाणी को आश्वस्त किया कि सहयोगियों के बगैर भाजपा 2014 का लोकसभा चुनाव जीतेगी।
मोदी ने मंगलवार को वाजपेयी के निवास पर लगभग एक घंटा बिताया किया।
इस बीच कांग्रेस नेता तथा सूचना एवं प्रासरण मंत्री मनीष तिवारी ने मंगलवार को कहा कि "भाजपा में 'गृहयुद्ध' शुरू हो गया है। देखिए, आगे क्या होता है।"
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