देश में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगाने की रफ़्तार सुस्त

कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ जहां 60.5% स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा चुकी है वहीं दूसरी डोज़ अभी तक केवल 37.5% स्वास्थ्य कर्मियों को ही लग सकी

देश में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगाने की रफ़्तार सुस्त

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

Coronavirus Vaccination: भारत में कोरोना के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है. लेकिन इस टीकाकरण कार्यक्रम की दूसरी डोज़ की रफ्तार सुस्त से चल रही है. हालात ये है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से 16 फरवरी को दोपहर 1:00 बजे तक के जो आंकड़े जारी किए गए उसके अनुसार कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ जहां 60.5% स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा चुकी है वहीं दूसरी डोज़ अभी तक केवल 37.5% ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों को लग सकी है जिनको पहली डोज़ लिए 28 दिन हो गए हैं. आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोविड वैक्सीन की पहली डोज़ के 28 दिन बाद दूसरी डोज़ लेनी होती है. इस दूसरी डोज़ के 14 दिन बाद से ही वैक्सीन अपना प्रभाव दिखाना शुरू करती है.

देश मे 8 राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां 60% से ज़्यादा योग्य स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की दूसरी डोज़ दी जा चुकी है. इसमें 100% के साथ गोवा सबसे ऊपर है, 86% के साथ गुजरात दूसरे, त्रिपुरा 85.9% के साथ तीसरे, तेलंगाना 81.6%, उत्तर प्रदेश 81.2%, असम 69.7%,  झारखंड 68.3% और लद्दाख 64.7% है.

हालांकि केंद्र सरकार इन आंकड़ों से फिलहाल ज्यादा चिंतित नहीं दिख रही है. नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल के मुताबिक दूसरी डोज़ लेने की रफ्तार तेज हो रही है और पहली डोज़ के 4 से 6 हफ़्ते के बीच दूसरी डोज़ लगाई जा सकती है.

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डॉ वी के पॉल ने कहा 'यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि 61% स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की पहली डोज़ दी जा चुकी है और दूसरी डोज़ देने की गति में भी रफ़्तार आ रही है और यह काफी संतोषजनक है. हमें यह याद रखने की जरूरत है कि केवल उन्ही स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा सकती है जिनको पहली डोज़ दी गई है. दूसरी बात यह भी है कि दूसरी डोज 4 से 6 हफ्ते के दरमियान दी जा सकती है. यह हमारी औपचारिक गाइडलाइंस हैं और क्योंकि यह स्वैच्छिक है तो स्वास्थ्य कर्मी यह तय कर रहे हैं कि उनको इस दौरान कब दूसरी डोज़ लगवानी है. इसलिए हम इसकी चिंता नहीं कर रहे हैं. हमारा स्वास्थ्य कर्मियों में भरोसा है कि वह दूसरी डोज लगवाने के लिए लौटेंगे बाकी लोगों के मुकाबले वह ज्यादा जानते हैं कि जब वह दूसरी डोज लगाएंगे तभी उनका टीकाकरण पूरा होगा. बस समय की बात है हमें इसमें कोई शक नहीं है.'