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This Article is From Jul 30, 2018

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनावों में नोटा का विकल्प देने को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए

न्यायालय ने कहा कि नोटा की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि प्रत्यक्ष चुनावों में कोई व्यक्ति वोटर के तौर पर इस विकल्प का इस्तेमाल कर सके.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनावों में नोटा का विकल्प देने को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए
भारतीय सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग की उस अधिसूचना पर सवाल उठाए जिसमें राज्यसभा चुनावों के लिए बैलट पेपर में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) की अनुमति दी गई है. न्यायालय ने कहा कि नोटा की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि प्रत्यक्ष चुनावों में कोई व्यक्ति वोटर के तौर पर इस विकल्प का इस्तेमाल कर सके. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले राज्यसभा चुनावों के दौरान गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक रहे शैलेश मनुभाई परमार की अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान CJI दीपक मिश्रा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव पहले से ही उलझन भरे हैं. चुनाव आयोग इन्हें क्यों और जटिल बनाना चाहता है. कानून किसी विधायक को NOTA के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता लेकिन इस नोटिफिकेशन के जरिए चुनाव आयोग MLA के वोट ना डालने का अधिकार दे रहा है. जबकि ये उसका संवैधानिक दायित्व है तो वो NOTA का रास्ता इस्तेमाल नहीं कर सकता. हमें इस पर संदेह है कि NOTA के जरिए किसी विधायक को उम्मीदवार को वोट डालने से रोका जा सकता है. वहीं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बैलेट बॉक्स में डालने से पहले कोई विधायक बैलेट पेपर को क्यों दिखाए?

मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने गुजरात कांग्रेस के चीफ व्हिप शैलेश मनुभाई परमार की याचिका का समर्थन करते हुए कहा कि नोटा का इस्तेमाल राज्यसभा चुनाव के दौरान नहीं किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार ने कहा कि नोटा का इस्तेमाल वहीं होगा जहां प्रतिनिधि जनता के द्वारा सीधे चुने जाते हैं लेकिन राज्यसभा में इसका इस्तेमाल नहीं हो सकता क्योंकि यहां प्रतिनिधि प्रत्यक्ष तौर पर नहीं चुने जाते.

इससे पहले चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा है कि राज्यसभा चुनाव में NOTA, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक है और ये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही चुनावों पर लागू होता है. चुनाव आयोग ने अपने हलफनामें में ये भी कहा कि NOTA के खिलाफ गुजरात कांग्रेस की याचिका अदालती कार्रवाई का दुरुपयोग है. NOTA राज्यसभा चुनाव में 2014 से जारी है जबकि कांग्रेस ने 2017 में चुनौती दी.

VIDEO: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा NOTA मामला

2014 से अब तक गुजरात समेत 25 राज्यसभा चुनाव NOTA से हो चुके हैं. गौरतलब है कि पिछले साल तीन अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर नोटा (NOTA) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था इसकी सुनवाई जारी रखी जाएगी कि राज्यसभा के चुनाव में NOTA का इस्तेमाल हो सकता है या नहीं. कोर्ट ने गुजरात राज्यसभा चुनाव में NOTA के इस्तेमाल के खिलाफ गुजरात कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था.

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