फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जेलों में बंद कैदियों की दयनीय दशा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित पुलिस अधिकारियों के साथ फ़रवरी 2018 के पहले हफ्ते में खुली जेल बनाने को लेकर बैठक करें और उनसे इस मामले में जवाब लें. कोर्ट ने कहा कि खुली जेल को लेकर गृह मंत्रालय को अध्ययन करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खुली जेल का कांसेप्ट क्या होगा उसमें किस तरह के कैदियों को रखा जाएगा इन सब बातों पर स्टडी करना जरूरी है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई कैदी पहली बार किसी अपराध में जेल गया है तो उसे खुली जेल में रखना क्या सही होगा? या फिर ऐसे कैदी जो मामूली अपराधों में जेल गए हैं ऐसे कैदियों को खुली जेल में रखना सही होगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हमें ऐसे आगे बढ़ना है जिससे किसी को आपत्ति न हो क्योंकि जेल नियमों को लेकर पर सभी राज्य सरकारों के पास अपनी गाइड लाइन है इससे कोई उहापोह के हालात पैदा न हों. मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि मॉडर्न प्रिजन मैनुवल को लेकर ड्राफ्ट सभी राज्य सरकारों को भेज दिया गया है. केंद्र ने कहा कि इससे जेलों में कैदियों द्वारा आत्महत्या के मामले रोकने में सहायता मिलेगी. सभी राज्य को ये बताना होगा कि कितनी प्राकृतिक और अप्राकृतिक मौतें हुई हैं. इस बाबत सभी राज्य सरकारों पुलिस महानिदेशकों के साथ मीटिंग हुई है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हमें ऐसे आगे बढ़ना है जिससे किसी को आपत्ति न हो क्योंकि जेल नियमों को लेकर पर सभी राज्य सरकारों के पास अपनी गाइड लाइन है इससे कोई उहापोह के हालात पैदा न हों. मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि मॉडर्न प्रिजन मैनुवल को लेकर ड्राफ्ट सभी राज्य सरकारों को भेज दिया गया है. केंद्र ने कहा कि इससे जेलों में कैदियों द्वारा आत्महत्या के मामले रोकने में सहायता मिलेगी. सभी राज्य को ये बताना होगा कि कितनी प्राकृतिक और अप्राकृतिक मौतें हुई हैं. इस बाबत सभी राज्य सरकारों पुलिस महानिदेशकों के साथ मीटिंग हुई है.
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