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एनआईए ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के असंतुष्ट कार्यकर्ता कमल चौहान ही कथित रूप से वह व्यक्ति था, जिसने समझौता एक्सप्रेस में विस्फोटक रखा था।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली इस ट्रेन में 2007 में बम विस्फोट हुआ था, जिसमें 68 लोग मारे गये थे। इंदौर के रहने वाले चौहान की ओर किसी का ध्यान नहीं था लेकिन बाद में इस मामले के सिलसिले में कुछ लोगों से पूछताछ के दौरान उसका नाम सामने आना शुरू हुआ।
चौहान को रिमांड के लिए पुलिस पंचकुला की अदालत ले गयी। सूत्रों ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान चौहान ने बताया कि वह संघ का कथित कार्यकर्ता है।
सूत्रों ने बताया कि इसी मामले में लोकेश शर्मा को जून 2010 में गिरफ्तार किया गया था। उस पर विस्फोट की आपराधिक साजिश रचने का आरोप है। उस पर यह आरोप भी है कि जब कथित साजिश रची जा रही थी, तो साजिशकर्ताओं के साथ वह भी बैठा था। विस्फोट में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने के ताजा आरोप लोकेश के खिलाफ लग सकते हैं।
एनआईए का कहना है कि विस्फोट में इस्तेमाल बम संदीप डांगे ने बनाया था, जो दक्षिण चरमपंथी है और फरार है। 2002 और उसके बाद हुए कई विस्फोटों में उसकी भूमिका का संदेह है।
एजेंसी ने समझौता मामले में स्वामी असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा, सुनील जोशी (अब मृत), डांगे, लोकेश और रामचंद्र कलसांगरा उर्फ रामजी को आरोपी बनाया है।
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