विज्ञापन
This Article is From Aug 18, 2017

'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन' बना विपक्षी नेताओं का राजनीतिक मंच, मोदी रहे निशाने पर

शरद यादव का 'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन' इस लिहाज से कामयाब रहा कि इसमें विपक्ष के लगभग सभी राजनीतिक दल शामिल हुए.

'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन' बना विपक्षी नेताओं का राजनीतिक मंच, मोदी रहे निशाने पर
शरद यादव ने दिल्ली में 'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन' आयोजित कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया
नई दिल्ली: शरद यादव का 'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन' इस लिहाज से कामयाब रहा कि इसमें विपक्ष के लगभग सभी राजनीतिक दल शामिल हुए. जेडीयू की टूटन के बीच इस शक्ति प्रदर्शन में फिलहाल शरद यादव सफल दिख रहे हैं. गुरुवार को दिल्ली में 'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन' में राहुल गांधी और मनमोहन सिंह भी पहुंचे. सीपीएम के सीताराम येचुरी, सपा के रामगोपाल यादव, नेशनल कॉन्फ़्रेंस के फ़ारूक़ अब्दुल्ला और एनसीपी के तारिक अनवर भी इस मौके पर मौजूद थे. 

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी बोले, पीएम नरेंद्र मोदी को 'स्वच्छ' और हमें 'सच' भारत चाहिए

सम्मेलन में राहुल ने आरएसएस पर हमला बोला और याद दिलाया कि मोदी सरकार चुनावी वादे पूरे करने में नाकाम रही है. राहुल ने कहा कि 2014 के चुनाव अभियान के दौरान बीजेपी ने हर साल दो करोड़ रोज़गार पैदा करने का वायदा किया था. लेकिन जब संसद में इस बारे में सवाल पूछा गया तो सरकार ने कहा कि पिछले साल एक लाख से कुछ ज़्यादा रोज़गार ही पैदा हुआ. राहुल ने कहा, "मोदी जी को स्वच्छ भारत चाहिये, लेकिन हमें सच्चा भारत चाहिये".

सम्मेलन में देश में धर्म के नाम पर हो रही हिंसा और राजनीतिक बहस की दिशा और दशा पर लंबी चर्चा हुई. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने तीखे ढंग से कहा कि देश को बांटने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान की तरफ से जो खतरा है उससे कहीं ज़्यादा खतरा समाज को अंदर से बांटने की कोशिशों से है. 

VIDEO: शरद यादव ने 'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन' में किया शक्ति प्रदर्शन

सवाल गुजरात के हाल के राज्य सभा चुनावों का भी उठा. शरद यादव ने नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए जेडी-यू के बागी विधायक छोटू भाई वसावा का ज़िक्र किया. आरजेडी खुलकर शरद यादव के समर्थन में खड़ी दिखी. शरद यादव ने कहा, गुजरात में छोटू भाई वसावा पर किसी भी तरह के प्रलोभन का असर नहीं हुआ और उनके एक वोट से दो वज़ीर मारे गये. 
सम्मेलन में आरजेडी की तरफ से पारटी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता मनोज झा भी पहुंचे. उन्होंने कहा, "हम सैद्धांतिक तौर पर, भावनात्मक तौर पर साथ में हैं.अगर पूरा मुल्क शरद जी के साथ है तो हम क्यों नहीं साथ रहें?"

शरद यादव के साझा विरासत बचाओ सम्मेलन को विपक्ष के नेताओं ने एक राजनीतिक मंच के तौर पर इस्तेमाल किया. मोदी सरकार के दावों पर सवाल उठाए, आरएसएस की नीतियों की आलोचना की. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद भविष्य में कितना कारगर साबित होती है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
सीतापुर में भेड़ियों का आतंक, महिला और बच्चों पर किया हमला, दहशत में लोग
'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन' बना विपक्षी नेताओं का राजनीतिक मंच, मोदी रहे निशाने पर
जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दें...; बुलडोजर, जानवर और उपचुनाव पर अखिलेश यादव
Next Article
जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दें...; बुलडोजर, जानवर और उपचुनाव पर अखिलेश यादव
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com