अशोक गहलोत की 'निकम्मा' टिप्पणी पर बोले सचिन पायलट, 'मेरे संस्कार ऐसी भाषा की इजाज़त नहीं देते'

पायलट ने मंगलवार को इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर कहा कि उनके मन में राजस्थान मुख्यमंत्री के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है. गहलोत ने मीडिया के सामने पायलट को 'निकम्मा' बताया था और उनपर आरोप लगाया था कि वो भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं.

अशोक गहलोत की 'निकम्मा' टिप्पणी पर बोले सचिन पायलट, 'मेरे संस्कार ऐसी भाषा की इजाज़त नहीं देते'

अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर किए थे खुलेआम वार, अब पायलट ने दिया जवाब.

खास बातें

  • अशोक गहलोत ने बुलाया था निकम्मा
  • अब सचिन पायलट ने दिया है जवाब
  • कहा- मेरे संस्कार ऐसी भाषा की इजाज़त नहीं देते
जयपुर/नई दिल्ली:

कह सकते हैं कि राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच महीने भर चले खींचतान का पटाक्षेप हो गया है. सोमवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात करके सचिन पायलट ने बातचीत करके सुलह कर लिया है. अशोक गहलोत इस पूरी लड़ाई में खुलेआम पायलट पर वार करते दिखाई दिए थे, जिसपर अब सचिन पायलट ने जवाब दिया है. पायलट ने मंगलवार को इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर कहा कि उनके मन में राजस्थान मुख्यमंत्री के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है. गहलोत ने मीडिया के सामने पायलट को 'निकम्मा' बताया था और उनपर आरोप लगाया था कि वो भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं.

'निकम्मा' टिप्पणी पर सवाल पूछे जाने पर पायलट ने कहा कि 'मैंने अपने परिवार से कुछ संस्कार सीखे हैं. चाहे मैं किसी का कितना भी विरोध करूं, मैंने कभी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है.' उन्होंने कहा, 'अशोक गहलोत जी मेरे बड़े हैं और मैं निजी रूप से उनका सम्मान करता हूं लेकिन मेरे पास काम-काज को लेकर चिंताएं उठाना मेरा अधिकार है.' पायलट ने कहा कि 'मैं अपने मन में किसी प्रकार की दुर्भावना नहीं रखता हूं.'

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उन्होंने इस बात से इनकार किया उनके और गहलोत के बीच में चीजें इस हद तक खराब हो गई हैं कि सुधारी न जा सकें. बता दें कि गहलोत ने पिछले एक महीने में पायलट को निकम्मा, नाकारा बोलने से लेकर हॉर्स- ट्रेडिंग और बीजेपी से मिलकर कांग्रेस की सरकार गिराने तक के आरोप लगा चुके हैं. गहलोत ने पायलट से उनके डिप्टी सीएम का पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी भी छीन ली है. पार्टी आलाकमान के बाद हुई सुलह से खबरें निकलकर आ रही हैं कि पायलट को दोबारा ये पद नहीं मिलेंगे. उनसे इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैंने पार्टी के लिए काम किया है और मैं पार्टी के लिए काम करता रहूंगा. मैंने किसी पद की मांग नहीं की है. मेरी कुछ शिकायतें थीं, जिसपर काम करने के लिए पार्टी ने मुझे आश्वासन दिया है.'

जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने वापसी के साथ नेतृत्व परिवर्तन की मांग छोड़ दी है तो उन्होंने कहा कि मैंने अपने सभी मुद्दे पार्टी अलाकमान के सामने रखे हैं. पार्टी ने एक रोडमैप तैयार किया है. मुझे पूरा विश्वास है कि इसमें से कुछ अच्छा निकलकर आएगा. पायलट से यह भी पूछा गया कि क्या नंबर न जुटा पाने के चलते बीजेपी ने उन्हें डंप कर दिया है, इसपर उन्होंने कहा कि 'न तो हम डंप किए जाने वाले है और न ही किसी को डंप करना चाहते थे.'

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