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This Article is From Jan 03, 2020

Budget 2020 से पहले RSS से जुड़े इस संगठन ने दी मोदी सरकार को चेतावनी, 'हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो...'

बजट 2020 (Budget 2020) को लेकर संघ परिवार में टकराव बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को आरएसएस (RSS) से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ (Bhartiya Mazdoor Sangh) ने मोदी सरकार (Modi Govt) की विनिवेश और आर्थिक सुधार की नीतियों के खिलाफ देश के कई हिस्सों में धरना-प्रदर्शन किया.

Budget 2020 से पहले RSS से जुड़े इस संगठन ने दी मोदी सरकार को चेतावनी, 'हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो...'
Budget 2010 से मोदी सरकार और संघ परिवार आमने-सामने.
नई दिल्ली:

बजट 2020 (Budget 2020) को लेकर संघ परिवार में टकराव बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को आरएसएस (RSS) से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ (Bhartiya Mazdoor Sangh) ने मोदी सरकार (Modi Govt) की विनिवेश और आर्थिक सुधार की नीतियों के खिलाफ देश के कई हिस्सों में धरना-प्रदर्शन किया. भारतीय मज़दूर संघ (BMS) ने मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि बजट 2020 में उनकी मांगों को अगर शामिल नहीं किया गया तो वो सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. भारतीय मज़दूर संघ इस संकल्प के साथ सड़क पर उतरा है कि एक फरवरी के बजट में विनिवेश, निजीकरण और श्रम-सुधार के नाम पर मज़दूरों के शोषण की नीतियों को वो मंज़ूर नहीं करेगा.

मोदी सरकार और संघ परिवार आमने-सामने! बजट से पहले BMS ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को दी चेतावनी

भारतीय मजदूर संघ के नेता पवन कुमार ने NDTV से कहा, मोदी सरकार की विनिवेश और श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देश के 600 से अधिक जिलों में आज हमने 'चेतावनी दिवस' के तौर पर प्रदर्शन किया. हम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चेतावनी देते हैं कि अगर बजट 2020 में हमारी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो भारतीय मजदूर संघ 2 फरवरी को पूरे देश में आंदोलन का ऐलान कर सकती है. आरएसएस से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ की मांग है कि सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में बेचने का सिलसिला रोका जाए, अंसगठित क्षेत्र के मज़दूरों की कल्याणकारी योजनाओं का ख़र्च बढ़ाया जाए और मनरेगा का भी पैसा बढ़े और काम के दिन भी.

मोदी सरकार के श्रम सुधार योजना को संघ परिवार से जुड़े इस संगठन ने किया खारिज

भारतीय मज़दूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने एनडीटीवी से कहा, बीएमएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी आम बजट की समीक्षा करेगी. अगर हमारी मांगों-सुझावों को नज़रअंदाज किया गया तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी देश व्यापी आंदोलन छेड़ने का फैसला कर सकती है. बीएमएस के अलावा देश के 10 बड़े मज़दूर संघ 8 जनवरी को देश-व्यापी हड़ताल कर रहे हैं. गुरुवार को श्रम मंत्री संतोष गंगवार के साथ उनकी बैठक नाकाम रही.

केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर संघ परिवार से जुड़े संगठनों ने उठाए सवाल

अब भारतीय मज़दूर संघ की नज़र 1 फरवरी को पेश होने वाली आम बजट पर है. उनका मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगर उनकी मांगों को बजट में नज़रअंदाज़ किया तो भारतीय मज़दूर संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी देश व्यापी आंदोलन छेड़ने का फैसला कर सकती है.

VIDEO: RSS से जुड़े मज़दूर संगठन का दावा - नोटबंदी से छिने करोड़ों रोजगार

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