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This Article is From May 20, 2012

200 रुपये की पेंशन व्यक्ति की गरिमा का अपमान : जयराम

नई दिल्ली: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने यह जिक्र करते हुए कि 200 रुपये प्रतिमाह पेंशन किसी व्यक्ति की गरिमा का अपमान है, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना की समीक्षा करने का अनुरोध किया।

जयराम ने सामजिक कार्यकर्ता एवं राष्ट्रीय सलाकार परिषद की सदस्य अरुणा राय का आवेदन प्राप्त होने के बाद 16 मई को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। आवेदन में पेंशन की राशि बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रतिमाह करने की मांग की गई है।

आवेदन में बताया गया है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग तीन करोड़ लोग मासिक पेंशन पाते हैं।

रमेश ने अरुणा राय और उनकी पेंशन परिषद की एक और मांग का भी समर्थन किया। दूसरी मांग है कि सरकार पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान के लिए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के निर्धारण की प्रक्रिया न अपनाए।

इस जानकारी पर कि कई राज्यों में लाभार्थियों को पेंशन राशि कुछ महीनों बाद एकट्ठे दिए जाते हैं, रमेश ने कहा कि सम्बंधित व्यक्ति को तय समय पर भुगतान उनके बैंक खाते में किया जाना चाहिए। वह भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी की जा रही विशिष्ट पहचान संख्या 'आधार' के उपयोग का प्रस्ताव पहले ही दे चुके हैं।

रमेश ने हालांकि पेंशन परिषद की तीसरी मांग खारिज कर दी जिसमें कहा गया है कि 55 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों और 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को पेंशन पाने योग्य माना जाना चाहिए।

जानकारी के अनुसार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अरुणा राय और उनके सहयोगी पेंशन परिषद के बैनर तले सोमवार को राष्ट्रीय सलाकार परिषद की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे।

अरुणा के सहयोगी निखिल डे ने कहा, "बुजुर्ग लोग आज भारी संकट का सामना कर रहे हैं। उनके लिए गम्भीरतापूर्वक कुछ किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को तमाम राजनीतिक हलकों और यहां तक कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील का भी समर्थन मिला है।

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