नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल अगले पखवाड़े तक किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल 6 जून से 12 जून के बीच हो सकता है और लोकसभा चुनाव के लिए एक वर्ष से भी कम समय शेष रहने के बीच यूपीए-2 सरकार का यह अंतिम फेरबदल हो सकता है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को संकेत दिया था कि कैबिनेट में रिक्त पदों को देखते हुए फेरबदल हो सकता है। जापान और थाइलैंड की यात्रा से लौटते हुए मनमोहन सिंह ने संवाददाताओं से कहा था, कुछ रिक्तियां हैं। इसे भरने के मुद्दे पर विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि पीके बंसल और अश्विनी कुमार के इस्तीफा देने से खाली हुए स्थानों को भरने के लिए क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि रेलवे रिश्वत मामले में भांजे और रेलवे बोर्ड के एक सदस्य के शामिल होने की बात सामने आने के बाद बंसल ने रेलमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि अश्विनी कुमार ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई रिपोर्ट देखने से जुड़े विवाद पर इस्तीफा दिया था। रेल मंत्रालय का कार्यभार सड़क एवं राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी को दिया गया है, जबकि विधि मंत्रालय का प्रभार दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को दिया गया है।
डीएमके और तृणमूल कांग्रेस के एक वर्ष से भी कम समय के भीतर यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने के कारण खाली हुए कई स्थानों को भी भरा जाना है। कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय का प्रभार है। इनसे अतिरिक्त मंत्रालयों प्रभार वापस लेकर किसी अन्य को दिया जा सकता है। इसके साथ ही कई मंत्रियों से मंत्री पद छोड़ने को कहा जा सकता है, क्योंकि पार्टी अगले लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें संगठनात्मक कार्यो से जोड़ना चाहती है। कांग्रेस के संगठन में भी इसके साथ या बाद में फेरबदल किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को संकेत दिया था कि कैबिनेट में रिक्त पदों को देखते हुए फेरबदल हो सकता है। जापान और थाइलैंड की यात्रा से लौटते हुए मनमोहन सिंह ने संवाददाताओं से कहा था, कुछ रिक्तियां हैं। इसे भरने के मुद्दे पर विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि पीके बंसल और अश्विनी कुमार के इस्तीफा देने से खाली हुए स्थानों को भरने के लिए क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि रेलवे रिश्वत मामले में भांजे और रेलवे बोर्ड के एक सदस्य के शामिल होने की बात सामने आने के बाद बंसल ने रेलमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि अश्विनी कुमार ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई रिपोर्ट देखने से जुड़े विवाद पर इस्तीफा दिया था। रेल मंत्रालय का कार्यभार सड़क एवं राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी को दिया गया है, जबकि विधि मंत्रालय का प्रभार दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को दिया गया है।
डीएमके और तृणमूल कांग्रेस के एक वर्ष से भी कम समय के भीतर यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने के कारण खाली हुए कई स्थानों को भी भरा जाना है। कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय का प्रभार है। इनसे अतिरिक्त मंत्रालयों प्रभार वापस लेकर किसी अन्य को दिया जा सकता है। इसके साथ ही कई मंत्रियों से मंत्री पद छोड़ने को कहा जा सकता है, क्योंकि पार्टी अगले लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें संगठनात्मक कार्यो से जोड़ना चाहती है। कांग्रेस के संगठन में भी इसके साथ या बाद में फेरबदल किया जा सकता है।
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