आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण, जानिए किनको मिलेगा लाभ...

यह जानना दिलचस्‍प है कि अगर ये 10 फीसदी आरक्षण लागू होता है तो इसका फायदा किसे होगा. NDTV से बातचीत में केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय सांपला ने इस विषय में जानकारी दी.

आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण, जानिए किनको मिलेगा लाभ...

एनडीटीवी से बात करते केंद्रीय मंत्री विजय सांपला

नई दिल्‍ली:

जब संसद में और बाहर रफ़ाल और एचएएल के मुद्दे पर तीखी बहस जारी थी, तभी ख़बर आई कि सरकार गरीबों को 10 फ़ीसदी आर्थिक आरक्षण देने की तैयारी में है और मंगलवार को संशोधन बिल भी आ सकता है. सवर्णों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा. यह आरक्षण मौजूदा 50 फीसदी की सीमा से अलग होगा.  दिलचस्प ये है कि सरकार के साथ खड़े दलित सांसद और नेता इसे सही बता रहे हैं. लेकिन सामाजिक न्याय की राजनीति करने वाली पार्टियां इसे सैद्धांतिक तौर पर गलत भी बता रही हैं और संवैधानिक तौर पर असंभव भी. कांग्रेस का आरोप है कि इसके पीछे चुनावी राजनीति का हिसाब-किताब है. साफ़ है कि 2019 से पहले अपने इस क़दम से केंद्र सरकार ने अचानक आरक्षण की राजनीति को एक नई धार दे दी है. नरेंद्र मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले इस फैसले के जरिए सवर्णों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में है. बता दें, सवर्ण और मध्यम वर्ग का बड़ा धड़ा भाजपा से नाराज चल रहा था. भाजपा ने इस फैसले के जरिए इसी धड़े को लुभाने की कोशिश की है.

अब यह जानना दिलचस्‍प है कि अगर ये 10 फीसदी आरक्षण लागू होता है तो इसका फायदा किसे होगा. NDTV से बातचीत में केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री विजय सांपला ने इस विषय में जानकारी दी. सांपला ने बताया कि 'कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि सामान्य वर्ग में जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख और जिनके पास खेती की 5 एकड़ से कम ज़मीन हो, ऐसे लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. यह पहले के 50 % से अलग होगा. इसकी मांग बहुत समय से चल रही थी. इसमें सभी सवर्ण समाज, ब्राह्मण, बनिया इसके अलावा, ईसाई और मुस्लिम भी आएंगे. इसपर काफ़ी समय से काम कर रहे थे.'

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उन्‍होंने कहा कि 'डिमांड काफी समय से चल रही थी लेकिन इस निर्णय को लेने का साहस मोदी जी की सरकार में ही था. इसको राजनीतिक दृष्टि से ना देखें, इसे ऐसे देखें कि सरकार का कर्तव्य होता है कि लोगों की भावनाओं को समझे और उनकी जरूरतों को पूरा करे. सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया. 50% पहले से ही जनरल समाज का था, उसमें से ही कमज़ोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण किया जा रहा है.'

आरक्षण के फ़ायदे किसको?
- सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित संविधान संशोधन से अतिरिक्त कोटा का रास्ता साफ हो जाएगा. एक सूत्र ने बताया, ‘‘आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे लोगों को दिया जाएगा जो अभी आरक्षण का कोई लाभ नहीं ले रहे.''
- प्रस्तावित कानून का लाभ ब्राह्मण, राजपूत (ठाकुर), जाट, मराठा, भूमिहार, कई व्यापारिक जातियों, कापू और कम्मा सहित कई अन्य अगड़ी जातियों को मिलेगा.
- सूत्रों ने बताया कि अन्य धर्मों के गरीबों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा.
इस विधेयक में प्रावधान किया जा सकता है कि जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपए से कम और जिनके पास पांच एकड़ से कम कृषि भूमि है, वे आरक्षण का लाभ ले सकते हैं.
- सूत्रों ने बताया कि ऐसे लोगों के पास नगर निकाय क्षेत्र में 1000 वर्ग फुट या इससे ज्यादा का फ्लैट नहीं होना चाहिए और गैर-अधिसूचित क्षेत्रों में 200 यार्ड से ज्यादा का फ्लैट नहीं होना चाहिए.

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VIDEO: चुनाव से पहले आरक्षण का दांव