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This Article is From Jan 30, 2015

पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह ने एनडीटीवी से कहा, 'मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया गया''

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

दो दिन पहले विदेश सचिव के पद से हटाई गई सुजाता सिंह ने आज एनडीटीवी से बातचीत में पहली बार अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह ने एनडीटीवी से कहा, 'मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया गया, मेरा रिकॉर्ड खराब किया जा रहा है। यह क्यों जरूरी था?'

सुजाता सिंह को उनका कार्यकाल खत्म होने से सात महीने पहले ही बुधवार को उनके पद से हटा कर उनकी जगह अमेरिका में भारतीय राजदूत एस जयशंकर को नियुक्त कर दिया गया।

उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि वह अपनी बात साफ साफ रखना चाहती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ सोचा समझा अभियान चलाया जा रहा है।

अगस्त के अंत में पूरे होने वाले अपने दो साल के कार्यकाल में सात महीने की 'कटौती' का ब्योरा देते हुए सुजाता ने कहा कि विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को दोपहर दो बजे उन्हें फोन किया और कहा कि वह उन्हें 'कोई अच्छी खबर नहीं' देने जा रही हैं। सुषमा ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री एस जयशंकर को विदेश सचिव नियुक्त करना चाहते हैं।

सुजाता ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा पहले से ही तैयार रखा था, लेकिन उन्हें कहा गया कि ऐसा करने से वह अपने सेवानिवृति लाभ गंवा देंगी। लिहाजा, उन्होंने 'प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार' शाम के करीब सात बजे एक पत्र भेजकर समय से पहले सेवानिवृति मांगी।

पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि बीते आठ महीनों के दौरान उन्होंने जिस तरह से विदेश नीति को संचालित किया है उसका उन्हें अधिक श्रेय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने क्रेडिट लेने का खेल कभी नहीं खेला, वरना ऐटमी करार पर उनकी भूमिका काफ़ी अहम रही।

इसके अलावा उनकी जगह विदेश सचिव के पद पर नियुक्त हुए एस जयशंकर पर भी परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए सुजाता सिंह ने कहा, 'मेरी सबसे अहम खूबी बौद्धिक ईमानदारी और निष्ठा है, जो कि किसी भी तरह से बौद्धिक प्रतिभा से बेहतर है।'  इसके साथ ही उन्होंने कहा, कुछ लोग हर चीज़ में मैं की बात करते हैं, मुझे भी अपनी उपलब्धी बतानी चाहिए।

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