दिल्ली हाईकोर्ट ने तंदूर कांड के दोषी सुशील शर्मा (Sushil Sharma) को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है. पिछली सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि 29 साल की कैद के बाद भी अभी तक सुशील को रिहा क्यों नहीं किया गया है. दरअसल यूथ कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील ने 1995 में अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या करने के बाद शव को तंदूर में जला दिया था. 56 साल के हो चुके सुशील (Sushil Sharma) ने अपनी याचिका में दावा किया था कि माफी की अवधि जोड़ लें तो वह 29 साल से जेल में है. अगर माफी की अवधि निकाल दें तो साढ़े 23 साल से वह जेल में है. इसी आधार पर उसने रिहाई की मांग की थी. सुशील की सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ने अर्जी दिल्ली सरकार ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी थी.
तंदूर हत्याकांड : सुशील का मृत्यदंड हुआ उम्रकैद में तब्दील
आपको बता दें कि पूर्व में दिल्ली उच्च न्यायालय पूर्व युवा कांग्रेस नेता सुशील शर्मा (Sushil Sharma) को पैरोल पर रिहा करने के उसके आदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए पुलिस को आड़े हाथों ले चुका है. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल ने जेल अधिकारियों के रुख पर अप्रसन्नता जताई कि अदालत के आदेशों के बावजूद शर्मा को जेल से रिहा नहीं किया गया. अदालत ने उपराज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) अजय चौधरी को अदालत में पेश होने और इस बात की सफाई देने को कहा था कि अदालत के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ.
VIDEO: नैना साहनी तंदूर कांड : सुशील शर्मा की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील
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