प्रतीकातमक फोटो
नई दिल्ली:
सरकार ने उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के पदों पर नियुक्ति के लिए 43 उम्मीदवारों के नामों को उच्चतम न्यायालय कोलेजियम को लौटाने के फैसले का शुक्रवार को बचाव किया और कहा कि यह फैसला प्रतिकूल खुफिया रिपोर्ट और उन लोगों के खिलाफ गंभीर प्रकृति की शिकायतों पर आधारित था. कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि जिन 43 नामों की सिफारिश की गई थी, उन्हें वापस कोलेजियम को लौटाने के प्रमुख कारणों में सलाहकार न्यायधीशों की राय, संवैधानिक प्राधिकारों की राय, प्रतिकूल खुफिया जानकारी, उन लोगों के खिलाफ गंभीर प्रकृति की शिकायतें शामिल हैं.
उच्चतम न्यायालय में रिक्तियों से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार को मौजूदा सात रिक्तियों के संबंध में उच्चतम न्यायालय कालेजियम से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि जिन 43 नामों की सिफारिश की गई थी, उन्हें वापस कोलेजियम को लौटाने के प्रमुख कारणों में सलाहकार न्यायधीशों की राय, संवैधानिक प्राधिकारों की राय, प्रतिकूल खुफिया जानकारी, उन लोगों के खिलाफ गंभीर प्रकृति की शिकायतें शामिल हैं.
उच्चतम न्यायालय में रिक्तियों से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार को मौजूदा सात रिक्तियों के संबंध में उच्चतम न्यायालय कालेजियम से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.
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