यह ख़बर 17 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

हाफिज सईद मामले पर पाकिस्तान ने किया गुमराह : शिंदे

खास बातें

  • केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने मुम्बई हमले की साजिश रचने वाले हाफिज सईद की गिरफ्तारी के मुद्दे पर भारत को गुमराह किया है और हमले के षडयंत्रकारी के रूप में भूमिका के लिए उसकी हिरासत के बारे में जो धारणा पैदा की, वह प
नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने मुम्बई हमले की साजिश रचने वाले हाफिज सईद की गिरफ्तारी के मुद्दे पर भारत को गुमराह किया है और हमले के षडयंत्रकारी के रूप में भूमिका के लिए उसकी हिरासत के बारे में जो धारणा पैदा की, वह पेश किए गए दस्तावेजों से मेल नहीं खाती।

पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक की तीन दिवसीय भारत यात्रा की समाप्ति के बाद शिंदे ने राज्यसभा में एक वक्तव्य देते हुए कहा कि भारत को एफआईआर व अदालती फैसलों की जो प्रतियां उपलब्ध कराई गई हैं, वे लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख सईद की पूर्व में हुई गिरफ्तारियों से सम्बंधित हैं, जिनसे पता चलता है कि मुम्बई हमलों के मामले में उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई।

शिंदे ने कहा, "मलिक बार-बार हमसे कहते रहे हैं कि उन्होंने सईद को तीन बार गिरफ्तार किया और सबूतों के अभाव में उसे छोड़ देना पड़ा। हमें बताया जा रहा था कि सईद को 26/11 के हमले में संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया।" उन्होंने कहा, "उन्होंने बताया था कि उसके खिलाफ तीन बार एफआईआर दर्ज हुई और फैसले आए. उन्होंने हमें सईद की गिरफ्तारी के दस्तावेज दिए और उन दस्तावेजों से स्पष्ट है कि उसे अन्य कारणों से गिरफ्तार किया गया न कि मुम्बई के आतंकवादी हमले में उसकी संलिप्तता के लिए। इसलिए मैं कह सकता हूं कि ऐसा लगता है कि मलिक ने इस मामले में हमें गुमराह किया है।"

शिंदे ने कहा, "मैंने स्पष्ट किया था कि भारतीय लोगों के दिमाग में यह स्पष्ट मुद्दा है कि वे 26/11 के साजिशकर्ताओं को सजा दिलाना चाहते हैं। मैंने विशेष रूप से बताया कि हमारी जांच में पता चला है कि हाफिज सईद साजिशकर्ता था। पाकिस्तान का इस मामले में कार्रवाई करना अभी बाकी है।"

मलिक ने अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि सईद के खिलाफ भारत के आरोपों के बाद पाकिस्तान सरकार ने सईद को तीन बाद गिरफ्तार किया लेकिन हर बार अदालत ने उसे सबूतों के अभाव में छोड़ दिया।

मलिक ने कहा था, "आपने हमें अपर्याप्त जानकारी दी है, जिसे आप सबूत बता रहे हैं। हमारी अदालतों के लिए यह जानकारी अपर्याप्त है इसलिए लाहौर उच्च न्यायालय ने सईद को जमानत दे दी। हमारी अदालतों ने सईद को जमानत दे दी और कहा कि उसे गिरफ्तार न करें क्योंकि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।"

शिंदे ने कहा कि उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि सईद की आवाज का नमूना यह पहचान करने के लिए मूल्यवान है कि टेप में रिकार्ड आवाज किसकी है जो मुम्बई में हमलों का निर्देश दे रहा था। उस दुस्साहसी को पकड़ने के लिए यह टेप पर्याप्त है। उन्होंने कहा, "मैंने एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) द्वारा जांच के सम्बंध में पाकिस्तान को भेजे गए पत्र का जवाब दिए जाने पर भी जोर दिया।"

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शिंदे ने कहा कि भारत ने चार गवाहों से जिरह पूरी करने के लिए पाकिस्तान के न्यायिक आयोग को यहां आने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। आयोग के सदस्य अगले महीने आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि पाकिस्तानी आयोग के दौरे की संशोधित शर्ते पूरी कर ली गई हैं और दोनों पक्षों के वरिष्ठ विधि अधिकारियों के साथ परामर्श कर सावधानीपूर्वक तैयारी कर ली गई है व कोई कानूनी खामी नहीं रह गई है, भारत की एक टीम इस हफ्ते पाकिस्तान का दौरा करेगी।