हरीश रावत (फाइल फोटो)
नई दिल्ली/देहरादून:
उत्तराखंड की सियासी उठापटक एक बार फिर तेज हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार रात को स्पीकर ने कांग्रेस के बाग़ी 9 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी। हालांकि इसकी अभी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। माना जा रहा है इसका ऐलान आज हो सकता है। सीएम हरीश रावत ने स्पीकर से सदस्यता रद्द करने की सिफ़ारिश की थी।
वहीं उत्तराखंड सरकार की मंत्री इंदिरा ह्रदयेश ने इस ख़बर को अफ़वाह बताया है। इस ख़बर के आने के बाद बीजेपी ने इस कदम को असंवैधानिक बताया है।
अगर नौ बाग़ी विधायकों को सदस्यता रद्द होती है तो विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा बदल जाएगा। 71 सीटों वाले उत्तराखंड में बहुमत के लिए 36 सीटें चाहिए लेकिन सदस्यता रद्द कर दी गई है तो ये आंकड़ा 31 हो जाएगा। ऐसे में हरीश रावत को बहुमत साबित करने में आसानी हो सकती है। गौरतलब है कि 71 सदस्यीय विधानसभा में एक सदस्य मनोनीत होता है जिसे ऐसी परिस्थितियों में वोट डालने का अधिकार नहीं होता है।
उन्होंने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों के वकीलों को आगे की सुनवाई के लिए रविवार सुबह 9 बजे का वक्त दिया है।
इस बीच पूरे उत्तराखंड में धारा 144 लगा दी गई और बाग़ी विधायकों के आवास पर ITBP के जवान तैनात किए गए हैं। इसके साथ-साथ विधानसभा सत्र के लिए जारी किए गए सभी पास निरस्त कर दिए गए हैं। वहीं पुलिस बल की 10 कंपनियों को बुलाया गया और आवश्यकता पड़ी तो और फ़ोर्स बुलाई जा सकती है।
इससे पहले मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के घर भी पहुंचे। उत्तराखंड की राजनीति ने शनिवार को उस समय नया मोड़ ले लिया, जब कांग्रेस के 9 बागी विधायकों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर विधायकों को खरीदने की कोशिश का आरोप लगाया।
इस संबंध में उन्होंने दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी की, जिसमें पैसों के लेनदेन की बातचीत हो रही है। हालांकि NDTV इंडिया इस स्टिंग की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। इस आरोप पर सीएम हरीश रावत ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसा उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश के तहत किया जा रहा है और उन्हें ब्लैकमेल करने की भी कोशिश हो रही है।
विधायकों ने बताया जान को खतरा, सुरक्षा की मांग
बाग़ी विधायकों की ओर से हरक सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत विधायकों को धमका रहे हैं। बाग़ी विधायकों ने जान को ख़तरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम हरीश रावत पर एक स्टिंग जारी किया गया, जिसमें पैसे के लेनदेन की बातचीत रिकॉर्ड है।
सीएम हरीश रावत ने दी सफाई
मुख्यमंत्री रावत ने आरोप के जवाब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, 'नापाक गठबंधन मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा है। मेरी सरकार लोगों के दबाव में नहीं आती।' उन्होंने स्टिंग की सत्यता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'मोदी और अमित शाह की सरकार ने यह झूठ बनाया है और मैं मीडिया से प्रार्थना करता हूं कि स्टिंग करने वालों का इतिहास को जरूर खंगालें।
कांग्रेस ने बाबा रामदेव पर लगाया था आरोप
इससे पहले उत्तराखंड में सत्ताधारी कांग्रेस ने बाबा रामदेव पर भाजपा नेतृत्व के साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया था, जबकि योग गुरू ने इसका खंडन करते हुए कहा कि राजनीतिक घटनाओं के लिए उनके बजाय राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
28 मार्च को सबित करना है बहुमत
सीएम हरीश रावत को 28 मार्च तक बहुमत साबित करना है, लेकिन उससे पहले 26 मार्च तक बाग़ी विधायकों को स्पीकर के नोटिस का जवाब देना है, जिसमें पूछा गया है कि क्यों ना दल बदल क़ानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए। दरअसल भाजपा ने दावा किया था कि 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को मिलाकर उसे 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। साथ ही पार्टी ने कहा था कि रावत सरकार अल्पमत में आ गई है। इसके बाद राज्यपाल ने सीएम रावत से 28 मार्च तक बहुमत साबित करने के लिए कहा।
वहीं उत्तराखंड सरकार की मंत्री इंदिरा ह्रदयेश ने इस ख़बर को अफ़वाह बताया है। इस ख़बर के आने के बाद बीजेपी ने इस कदम को असंवैधानिक बताया है।
अगर नौ बाग़ी विधायकों को सदस्यता रद्द होती है तो विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा बदल जाएगा। 71 सीटों वाले उत्तराखंड में बहुमत के लिए 36 सीटें चाहिए लेकिन सदस्यता रद्द कर दी गई है तो ये आंकड़ा 31 हो जाएगा। ऐसे में हरीश रावत को बहुमत साबित करने में आसानी हो सकती है। गौरतलब है कि 71 सदस्यीय विधानसभा में एक सदस्य मनोनीत होता है जिसे ऐसी परिस्थितियों में वोट डालने का अधिकार नहीं होता है।
The 9 rebel MLAs not suspended yet, it is a rumour- #Uttarakhand minister Indira Hridayash
— ANI (@ANI_news) March 26, 2016
उन्होंने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों के वकीलों को आगे की सुनवाई के लिए रविवार सुबह 9 बजे का वक्त दिया है।
Speaker ne subah 9 baje ka time diya hai baghi MLAs ke vakilon ko aage ki sunwai ke liye : Minister Indira Hridayash to ANI
— ANI (@ANI_news) March 26, 2016
इस बीच पूरे उत्तराखंड में धारा 144 लगा दी गई और बाग़ी विधायकों के आवास पर ITBP के जवान तैनात किए गए हैं। इसके साथ-साथ विधानसभा सत्र के लिए जारी किए गए सभी पास निरस्त कर दिए गए हैं। वहीं पुलिस बल की 10 कंपनियों को बुलाया गया और आवश्यकता पड़ी तो और फ़ोर्स बुलाई जा सकती है।
इससे पहले मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के घर भी पहुंचे। उत्तराखंड की राजनीति ने शनिवार को उस समय नया मोड़ ले लिया, जब कांग्रेस के 9 बागी विधायकों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर विधायकों को खरीदने की कोशिश का आरोप लगाया।
इस संबंध में उन्होंने दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी की, जिसमें पैसों के लेनदेन की बातचीत हो रही है। हालांकि NDTV इंडिया इस स्टिंग की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। इस आरोप पर सीएम हरीश रावत ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसा उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश के तहत किया जा रहा है और उन्हें ब्लैकमेल करने की भी कोशिश हो रही है।
विधायकों ने बताया जान को खतरा, सुरक्षा की मांग
बाग़ी विधायकों की ओर से हरक सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत विधायकों को धमका रहे हैं। बाग़ी विधायकों ने जान को ख़तरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम हरीश रावत पर एक स्टिंग जारी किया गया, जिसमें पैसे के लेनदेन की बातचीत रिकॉर्ड है।
सीएम हरीश रावत ने दी सफाई
मुख्यमंत्री रावत ने आरोप के जवाब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, 'नापाक गठबंधन मेरी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा है। मेरी सरकार लोगों के दबाव में नहीं आती।' उन्होंने स्टिंग की सत्यता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'मोदी और अमित शाह की सरकार ने यह झूठ बनाया है और मैं मीडिया से प्रार्थना करता हूं कि स्टिंग करने वालों का इतिहास को जरूर खंगालें।
कांग्रेस ने बाबा रामदेव पर लगाया था आरोप
इससे पहले उत्तराखंड में सत्ताधारी कांग्रेस ने बाबा रामदेव पर भाजपा नेतृत्व के साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया था, जबकि योग गुरू ने इसका खंडन करते हुए कहा कि राजनीतिक घटनाओं के लिए उनके बजाय राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
28 मार्च को सबित करना है बहुमत
सीएम हरीश रावत को 28 मार्च तक बहुमत साबित करना है, लेकिन उससे पहले 26 मार्च तक बाग़ी विधायकों को स्पीकर के नोटिस का जवाब देना है, जिसमें पूछा गया है कि क्यों ना दल बदल क़ानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए। दरअसल भाजपा ने दावा किया था कि 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को मिलाकर उसे 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। साथ ही पार्टी ने कहा था कि रावत सरकार अल्पमत में आ गई है। इसके बाद राज्यपाल ने सीएम रावत से 28 मार्च तक बहुमत साबित करने के लिए कहा।
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