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This Article is From Jul 16, 2019

आईएमए घोटाला मामला: बागी कांग्रेसी विधायक रोशन बेग को SIT ने बेंगलुरु एयरपोर्ट से हिरासत में लिया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एसआईटी की इस कार्रवाई की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल से दी है.

आईएमए घोटाला मामला: बागी कांग्रेसी विधायक रोशन बेग को SIT ने बेंगलुरु एयरपोर्ट से हिरासत में लिया
बागी विधायक रोशन बेग को हिरासत में लिया गया
बेंगलुरु:

कांग्रेस से निलंबित चल रहे विधायक रोशन बेग को सोमवार को बेंगलुरु एयरपोर्ट से स्पेशल टास्क फोर्स (एसआईटी) ने हिरासत में ले लिया है. रोशन बेग को आईएमए घोटाले को लेकर हिरासत में लिया गया है. एसआईटी के अनुसार रोशन बेग बेंगलुरु से मुंबई जा रहे थे. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एसआईटी की इस कार्रवाई की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल से दी है. कुमारस्वामी ने दावा किया है कि जिस समय बेग को हिरासत में लिया गया उस समय वह बीजेपी के एक विधायक के साथ थे.

कुमारस्वामी ने रोशन बेग को हिरासत में लेने के बाद एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि एसआईटी ने आईएमए घोटाले मामले को लेकर आज रोशन बेग को हिरासत में लिया है. जिस में समय उन्हें हिरासत में लिया गया उस समय वह येदियुरप्पा के पीए संतोष के साथ एक चार्टर्ड प्लेन से मुंबई के लिए रवाना होने वाले थे. मुझे बताया गया है कि संतोष एसआईटी को देखकर मौके से भाग गया है, जबकि टीम ने बेग को हिरासत में ले लिया. 

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उन्होंने आगे लिखा कि जिस समय एसआईटी ने बेग को हिरासत में लिया उस समय बीजेपी के विधायक योगेश्वर भी वहां मौजूद थे. यह बेहद शर्मनाक है कि बीजेपी पूर्व मंत्री को बेंगलुरु से भगाने में मदद कर रही थी. यह साफ करता है आखिर किस तरह से बीजेपी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को तोड़ने की कोशिशें कर रही है. वहीं, कुमारस्वामी द्वारा बीजेपी पर लगाए गए आरोपों का कर्नाटक बीजेपी ने जवाब दिया. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि यह पूरी तरह से गलत है कि येदियुरप्पा के पीए संतोष बेग के साथ थे. सीएम कुमारस्वामी पूरी तरह से अफवा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. हम बताना चाहते हैं बेग अगले सफर कर रहे थे, उनके साथ कोई औऱ दूसरा पैसेंजर नहीं था. हम मांग करते हैं कि बोर्डिंग पास और सीसीटीवी फुटेज को सबूत के तौर पर रखा जाए.

गौरतलब है कि कर्नाटक में बीते कुछ दिनों से राजनीतिक हलचल काफी तेज है. कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच गठबंधन नेताओं ने अपने बागी विधायकों को मनाने की कोशिश शनिवार को तेज कर दी थी, वहीं उसकी मुश्किलें बढ़ाते हुए पांच और विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफा स्वीकार नहीं किए जाने पर उच्चतम न्यायालय का रुख किया था.

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वहीं भाजपा ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी से सोमवार को शक्ति परीक्षण कराने को कहेगी. पूरे दिन चली बातचीत में कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले डी के शिवकुमार, उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर, सीएलपी नेता सिद्धरमैया और कुमारस्वामी शामिल थे. बातचीत के बाद ऐसा लगता है कि कांग्रेस अपने एक बागी विधायक एमटीबी नागराज को मनाने में सफल रही थी. उन्होंने संकेत दिया था कि वह अपना इस्तीफा वापस लेने पर विचार कर सकते हैं लेकिन देर शाम तक इस संबंध में कोई घोषणा नहीं हुई. इस बीच भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कुमारस्वामी से सोमवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने की मांग करेगी .

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राज्य में जारी संकट के बीच कर्नाटक के सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के पांच और बागी विधायकों ने उनके इस्तीफे स्वीकार करने से विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार के इनकार के खिलाफ शनिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया. ये पांच विधायक आनंद सिंह, के. सुधाकर, एन. नागराज, मुनिरत्न और रोशन बेग हैं. उन्होंने कहा है कि पहले से ही लंबित दस अन्य बागी विधायकों की याचिका में उन्हें भी शामिल कर लिया जाए. इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी. कर्नाटक में गठबंधन सरकार गंभीर संकट से गुजर रही है. उसके 16 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. इनमें से 13 विधायक कांग्रेस के और तीन जद(एस) के हैं. राज्य के आवास मंत्री एमटीबी नागराज ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा वापस लेने को कहा. नागराज होसकोट से कांग्रेस विधायक हैं.

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 उन्होंने पिछले हफ्ते विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. नागराज ने 10 जुलाई को इस्तीफ दिया था. कंग्रेस नेताओं ने उनसे बात करके इस फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था लेकिन पूरे दिन बातचीत के बाद भी नागराज की मंशा सपष्ट नहीं हुई. नागराज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सिद्धरमैया और दिनेश गुंडु राव ने मुझसे मुलाकात की और मुझसे इस्तीफा वापस लेने तथा पार्टी में बने रहने का अनुरोध किया.  इस पर विचार करने के लिए मैंने समय मांगा है.''उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि मैं चिक्कबल्लापुरा विधायक सुधाकर से बात करूंगा और इस्तीफा वापस लेने के लिए उन्हें मनाउंगा.''    यह पूछे जाने पर कि क्या सारे मतभेद दूर कर लिए गए हैं, नागराज ने कहा कि उन्होंने कुछ असंतोष को लेकर इस्तीफा दिया था और हर राजनीतिक दल में कुछ असहमति होती है.

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