बनारस का घाट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
देश में 476 शहरों के स्वच्छ भारत रैंकिंग में मैसूर शीर्ष पायदान पर है जबकि इस सूची के शीर्ष दस पायदानों में कर्नाटक के तीन अन्य शहरों का नाम शुमार है। स्वच्छ भारत की ताज़ा रैंक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव क्षेत्र वाराणसी 418वें नंबर पर आया है।
वीआईपी चुनाव क्षेत्र होने के नाते ये रैंकिंग मायूस करने वाली है और इसका सीधा अर्थ ये निकलता है कि वाराणसी अब भी कूड़े के ढेर पर बैठा है। ये हालात तब हैं जब प्रधानमंत्री ने वाराणसी के अस्सी घाट से स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी।
शहरी स्थानीय निकायों में राष्ट्रीय राजधानी के दिल्ली कैंटोनमेंट सूची में 15वें स्थान पर और नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) 16 वें स्थान पर जबकि दिल्ली नगर निगम इस सूची में 398 वें स्थान पर है।
पश्चिम बंगाल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और उसके 25 शहर शीर्ष 100 में स्थान बनाने में कामयाब रहे हैं।
सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, यह रैंकिंग खुले में शौच और कचरों के प्रबंधन के तरीकों पर आधारित होते हैं।
इस सूची में पश्चिम बंगाल ने अच्छा स्थान पाया है जिसके 25 शहर शीर्ष 100 शहरों में शामिल हैं।
कम से कम खुले में शौच और कचरों के प्रबंधन के तरीकों के कारण मैसूर शहर शीर्ष पायदान पर रहा।
शीर्ष 100 में अपना स्थान बनाने वाले में 39 शहर दक्षिणी राज्यों, 27 शहर पूर्व से, 15 शहर पश्चिम से, 12 शहर उत्तर से और सात शहर उत्तर-पूर्वी राज्यों के हैं।
27 राजधानी शहरों में से 15 शहर शीर्ष 100 में शामिल हैं जबकि पांच शहर 300 के बाद अपना स्थान बना सके हैं।
राजधानियों की सूची में बेंगलूरू सातवें स्थान पर जबकि सबसे नीचे पटना 429 वें स्थान पर रहा।
100 नीचे के शहरों में 74 शहर उत्तर से, 21 पूर्व से तीन पश्चिम से और दो दक्षिण के शहर हैं।
शीर्ष दस शहरों में मैसूर, तिरूचिरापल्ली (तमिलनाडु), नवी मुंबई, कोच्चि (केरल), हसन, मांडया और बेंगलूरू (कर्नाटक), तिरूअनंतपुरम, हलीसहर (पश्चिम बंगाल) और गंगटोक (सिक्किम) है।
दामोह (मध्य प्रदेश) सबसे नीचे 476 वें स्थान पर है जबकि संभलपुर (ओडिशा) के 467 वें स्थान के बीच में भिंड (मध्य प्रदेश), पलवल और भिवानी (दोनों हरियाणा), चितौड़गढ़ (राजस्थान), बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश), नीमच (मध्य प्रदेश), रेवाड़ी (हरियाणा), हिन्दौन (राजस्थान) है।
राष्ट्रीय स्वच्छता नीति 2008 के तहत यह सर्वेक्षण 2014-15 में शहरी विकास मंत्रालय ने शुरू किया था।
स्वच्छ भारत रैंकिंग में कुल 42 नंबर दिये जाने थे जिसमें से 20 नंबर खुले में शौच नकारने और 22 कचरे के प्रबंधन के लिए दिये जाने थे।
सर्वेक्षण में शामिल होने वाले महत्वपूर्ण राज्यों में उत्तर प्रदेश के 61 शहर, पश्चिम बंगाल (60), महाराष्ट्र (43), मध्य प्रदेश (32), गुजरात (30), आंध्र प्रदेश (30), तमिलनाडू (29), राजस्थान (28), बिहार (27), कर्नाटक (26), हरियाणा (20), पंजाब (16), तेलंगाना (11), ओडिशा (10), झारखंड (10), छत्तीसगढ़ (9), केरल, उत्तराखंड और उत्तर-पूर्वी राज्यों से छह-छह शहरों को शामिल किया गया था।
वीआईपी चुनाव क्षेत्र होने के नाते ये रैंकिंग मायूस करने वाली है और इसका सीधा अर्थ ये निकलता है कि वाराणसी अब भी कूड़े के ढेर पर बैठा है। ये हालात तब हैं जब प्रधानमंत्री ने वाराणसी के अस्सी घाट से स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी।
शहरी स्थानीय निकायों में राष्ट्रीय राजधानी के दिल्ली कैंटोनमेंट सूची में 15वें स्थान पर और नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) 16 वें स्थान पर जबकि दिल्ली नगर निगम इस सूची में 398 वें स्थान पर है।
पश्चिम बंगाल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और उसके 25 शहर शीर्ष 100 में स्थान बनाने में कामयाब रहे हैं।
सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, यह रैंकिंग खुले में शौच और कचरों के प्रबंधन के तरीकों पर आधारित होते हैं।
इस सूची में पश्चिम बंगाल ने अच्छा स्थान पाया है जिसके 25 शहर शीर्ष 100 शहरों में शामिल हैं।
कम से कम खुले में शौच और कचरों के प्रबंधन के तरीकों के कारण मैसूर शहर शीर्ष पायदान पर रहा।
शीर्ष 100 में अपना स्थान बनाने वाले में 39 शहर दक्षिणी राज्यों, 27 शहर पूर्व से, 15 शहर पश्चिम से, 12 शहर उत्तर से और सात शहर उत्तर-पूर्वी राज्यों के हैं।
27 राजधानी शहरों में से 15 शहर शीर्ष 100 में शामिल हैं जबकि पांच शहर 300 के बाद अपना स्थान बना सके हैं।
राजधानियों की सूची में बेंगलूरू सातवें स्थान पर जबकि सबसे नीचे पटना 429 वें स्थान पर रहा।
100 नीचे के शहरों में 74 शहर उत्तर से, 21 पूर्व से तीन पश्चिम से और दो दक्षिण के शहर हैं।
शीर्ष दस शहरों में मैसूर, तिरूचिरापल्ली (तमिलनाडु), नवी मुंबई, कोच्चि (केरल), हसन, मांडया और बेंगलूरू (कर्नाटक), तिरूअनंतपुरम, हलीसहर (पश्चिम बंगाल) और गंगटोक (सिक्किम) है।
दामोह (मध्य प्रदेश) सबसे नीचे 476 वें स्थान पर है जबकि संभलपुर (ओडिशा) के 467 वें स्थान के बीच में भिंड (मध्य प्रदेश), पलवल और भिवानी (दोनों हरियाणा), चितौड़गढ़ (राजस्थान), बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश), नीमच (मध्य प्रदेश), रेवाड़ी (हरियाणा), हिन्दौन (राजस्थान) है।
राष्ट्रीय स्वच्छता नीति 2008 के तहत यह सर्वेक्षण 2014-15 में शहरी विकास मंत्रालय ने शुरू किया था।
स्वच्छ भारत रैंकिंग में कुल 42 नंबर दिये जाने थे जिसमें से 20 नंबर खुले में शौच नकारने और 22 कचरे के प्रबंधन के लिए दिये जाने थे।
सर्वेक्षण में शामिल होने वाले महत्वपूर्ण राज्यों में उत्तर प्रदेश के 61 शहर, पश्चिम बंगाल (60), महाराष्ट्र (43), मध्य प्रदेश (32), गुजरात (30), आंध्र प्रदेश (30), तमिलनाडू (29), राजस्थान (28), बिहार (27), कर्नाटक (26), हरियाणा (20), पंजाब (16), तेलंगाना (11), ओडिशा (10), झारखंड (10), छत्तीसगढ़ (9), केरल, उत्तराखंड और उत्तर-पूर्वी राज्यों से छह-छह शहरों को शामिल किया गया था।
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