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This Article is From Mar 23, 2018

राज्यसभा चुनाव : यूपी के 'रण' में अमित शाह ने मायावती-अखिलेश यादव को पछाड़ा, 9 सीटें BJP के खाते में

उत्तर प्रदेश की 10वीं सीट का 'दंगल' बीजेपी के खाते में गया. अनिल अग्रवाल ने बीएसपी के भीमराव अंबेडकर को शिकस्त दी. 10 में से 9 सीटें बीजेपी को और एक सपा के खाते में गई है.

राज्यसभा चुनाव : यूपी के 'रण' में अमित शाह ने मायावती-अखिलेश यादव को पछाड़ा, 9 सीटें BJP के खाते में
अमित शाह की कुशल रणनीति ने एक बार फिर बीजेपी का परचम लहराने में अहम भूमिका निभाई है.
नई दिल्ली: राज्यसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो गए हैं. उत्तर प्रदेश की 10वीं सीट का 'दंगल' बीजेपी के खाते में गया. अनिल अग्रवाल ने बीएसपी के भीमराव अंबेडकर को शिकस्त दी. 10 में से 9 सीटें बीजेपी को और एक सपा के खाते में गई है. अमित शाह की कुशल रणनीति ने एक बार फिर बीजेपी का परचम लहराने में अहम भूमिका निभाई है. अमित शाह की रणनीति की बदौलत बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मायवाती को शिकस्त देने में कामयाबी हासिल की. यूपी में भाजपा के 8 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. वहीं 10 वीं सीट पर भी कुछ असमंजस के बाद बीजेपी समर्थित उम्मीदवार अनिल अग्रवाल ने जीत दर्ज की.

दूसरे राज्यों की बात की जाए तो पश्चिम बंगाल में कुल 5 सीटों में से टीएमसी ने 4 और कांग्रेस ने 1 सीट पर कब्जा जमाया है. वहीं, कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खाते में कुल 3 और बीजेपी को 1 सीट मिली है. तेलंगाना में तीनों सीटों पर टीआरएस का ही कब्जा रहा. छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो एक सीट पर वहां चुनाव हुआ था और बीजेपी को वहां जीत मिली. केरल में एलडीएफ के खाते में एक सीट आई. झारखंड में भी एक सीट बीजेपी ने और एक कांग्रेस ने जीती है.

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सपा और बसपा द्वारा निर्वाचन आयोग से दो मत निरस्‍त करने की मांग को लेकर शिकायत किए जाने के कारण करीब दो घंटे देर से शुरू हुई मतगणना के नतीजों ने विपक्ष को निराश कर दिया. मतगणना के देर रात तक घोषित नतीजों में भाजपा के अरुण जेटली, डॉक्‍टर अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉक्‍टर अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, हरनाथ सिंह यादव तथा अनिल कुमार अग्रवाल विजयी करार दिए गए. अग्रवाल ने द्वितीय वरीयता वाले मतों के आधार पर बाजी मार ली. सपा की जया बच्चन चुनाव जीत गईं, जबकि बसपा के भीमराव अंबेडकर को निराशा हाथ लगी.

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यह चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सूबे की दो बड़ी सियासी ताकतों सपा और बसपा के गठबंधन की संभावनाओं के लिहाज से निर्णायक माना जा रहा था. हालांकि बसपा के विधायक अनिल सिंह ने ही भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. कांग्रेस विधायक नरेश सैनी के भी भाजपा को वोट देने की खबर आई थी, लेकिन उन्होंने मीडिया के सामने आकर इसका खंडन किया. इसके पूर्व, बसपा और सपा की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने भाजपा और बसपा के एक-एक वोट को निरस्‍त कर दिया था.

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बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने बताया कि उन्होंने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है कि बसपा के विधायक अनिल सिंह ने अपना वोट देने से पहले पार्टी के एजेंट को नहीं दिखाया, लिहाजा उनका वोट निरस्‍त किया जाए. समाजवादी पार्टी ने भी अपने विधायक नितिन अग्रवाल के संबंध में ऐसी ही शिकायत की जिनके पिता नरेश अग्रवाल हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं. सपा के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन ने बताया कि नितिन अग्रवाल ने सपा के एजेंट को दिखाएं बगैर मतदान किया है लिहाजा उनका वोट निरस्त किया जाए.

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जेल में बंद बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के वोट देने पर कल लगी उच्च न्यायालय की रोक और कारागार में निरुद्ध सपा विधायक हरिओम यादव की राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की अनुमति सम्बन्धी याचिका को अपर सत्र न्यायालय द्वारा कल खारिज किये जाने से ही विपक्ष को करारा झटका लगा था. उत्तर प्रदेश में राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 37 प्रथम वरीयता के वोट मिलना जरूरी था. प्रदेश की 403 सदस्‍यीय विधानसभा में 324 विधायकों के संख्याबल के आधार पर आठ सीटें आराम से जीत सकने वाली भाजपा ने 10 सीटों के लिये 9 प्रत्याशी उतारे थे.

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सपा के पास 47 सदस्य हैं. उसके पास अपनी उम्मीदवार जया बच्चन को चुनाव जिताने के बाद तकनीकी रूप से 10 वोट बचते थे. मगर नितिन अग्रवाल के भाजपा को वोट देने और जेल में बंद विधायक हरिओम के वोट ना दे पाने के बाद उसके पास आठ वोट ही बचे थे. अनिल सिंह के भाजपा को वोट देने के बाद बसपा के पास 17 वोट बचे थे, जबकि कांग्रेस के पास सात और राष्ट्रीय लोकदल के पास एक वोट था. इस तरह यह आंकड़ा 33 का बैठता था. इस तरह बसपा प्रत्याशी को जिताने के लिए चार और मतों की जरूरत थी.

(इनपुट : भाषा)

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