
कामिनी जिंदल की फाइल तस्वीर.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
278 करोड़ रूपए की घोषित की थी आय
जमींदारा पार्टी की उम्मीदवार थीं कामिनी जिंदल
इस बार जमानत तक नहीं बचा सकीं.
इस बार विधानसभा चुनाव में सबसे अमीर प्रत्याशी जमींदारा पार्टी की कामिनी जिंदल (घोषित आय 287 करोड़ रुपए) थीं. पिछली विधानसभा में सबसे धनी विधायक रही कामिनी गंगानगर सीट पर इस बार अपनी जमानत तक नहीं बचा सकीं. केवल 4887 मतों के साथ वे छठे स्थान पर रहीं. रोचक बात यह है कि गंगानगर की चर्चित सीट पर निर्दलीय राजकुमार गौड़ विजयी रहे जो कांग्रेस के बागी हैं.
राजस्थान: देश के पहले और इकलौते 'गाय मंत्री' भी नहीं बचा पाए अपनी सीट, जानें- क्या रही हार की वजह
विधानसभा चुनाव में कम से कम दो प्रत्याशी ऐसे रहे जिन्हें दस या दस से भी कम मत मिले. इनमें जयपुर में किशनपोल सीट पर निर्दलीय शमीम खान को सात और सादिक को केवल 10 वोट मिले. राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों पर सात दिसंबर को मतदान हुआ. कुल 2274 प्रत्याशी मैदान में थे जिनमें से 1822 की जमानत जब्त हो गयी. आंकड़ों के नजरिए से देखा जाए तो 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 88 राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे. इनमें भाजपा ने सभी 199 सीटों पर, कांग्रेस ने 194, बसपा ने 189 और आप ने 141 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए. इसके अलावा 830 निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपना चुनावी भाग्य आजमाया.
देश के इकलौते 'खुशहाल मंत्री' के लिए साल 2018 जाते-जाते लेकर आया बुरी खबर
निर्दलीय उम्मीदवारों का प्रदर्शन इस बार काफी अच्छा कहा जा सकता है क्योंकि 13 सीटों पर न केवल निर्दलीय उम्मीदवार जीते बल्कि बामनवास, करणपुर, मेड़ता, रतनगढ, पाली, थानागाजी और सिवाना सहित दस सीटों पर वे दूसरे नंबर पर रहे. यानी कुल मिलाकर साढ़े नौ प्रतिशत मतों के साथ उन्होंने लगभग 25 सीटों पर परिणाम को सीधे-सीधे प्रभावित किया. राज्य की थानागाजी सीट पर तो मुख्य मुकाबला ही दो निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच रहा, जिसमें कांति प्रसाद जीते और हेम सिंह दूसरे स्थान पर रहे.
राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम : वसुंधरा राजे सरकार के कई दिग्गज मंत्रियों को मिली पराजय
इसी तरह भाजपा ने इस बार दो धर्मगुरुओं को टिकट दिया था. सिरवियों के धर्मगुरू और वसुंधरा राजे सरकार में गौ पालन मंत्री रहे ओटाराम देवासी सिरोही में कांग्रेस के बागी संयम लोढ़ा से हार गए. भाजपा ने पोकरण सीट पर विख्यात तारातरा मठ के महंत प्रतापुरी को टिकट दिया था. यहां कांग्रेस के शाले मोहम्मद जीते.
(इनपुट- भाषा)
IAS की नौकरी छोड़कर ओपी चौधरी ने बीजेपी से लड़ा था चुनाव, कांग्रेस उम्मीदवार ने दी शिकस्त
अबकी बार किसकी सरकार: चुनाव परिणाम से जनता ने पार्टियों को सिखाया सबक?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं