राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच शनिवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की. बता दें कि इससे पहले 14 जुलाई को सीएम गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को बर्खास्त किये जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव को राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से स्वीकृति प्रदान कर दी थी. इससे पहले शनिवार को अशोक गहलोत ने राज्य की भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों के अपने पक्ष में होने का दावा किया. इसकी जानकारी खुद सीएम गहलोत ने तस्वीर शेयर करते हुए दी. गहलोत ने लिखा कि बीटीपी ने अपने मांग पत्र के साथ सरकार को समर्थन जारी रखने की घोषणा की है.
बता दें कि डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावती तेवर रुख अख्तियार करने के चलते राजस्थान में गहलोत सरकार पर संकट मंडरा रहा है. राज्य सरकार के दो बड़े नेताओं के बीच सियासी खींचतान में अब ऐसी स्थिति आ गई है कि मामला विधायकों की संख्या गिनने तक पहुंच गया है.
बीटीपी ने इससे पहले अपने विधायकों को दोनों पक्षों से अलग रहने को कहा था. 14 जुलाई को ही गहलोत द्वारा बुलाई गई विधायक दल की बैठक में शामिल होने के बाद बीटीपी के विधायक राजकुमार रोत ने वीडियो जारी कर कहा था कि हमे जाने नहीं दिया जा रहा है.
भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दोनों विधायकों ने उनकी प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ मुलाक़ात कर और अपने मांगपत्र के साथ चर्चा कर सरकार को समर्थन देने की घोषणा की। pic.twitter.com/a2783tQYDo
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 18, 2020
ऐसा बताया जा रहा है कि पायलट खेमें में करीब 19-20 विधायक हैं. कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को वापस बुलाने के लिए कई बार नोटिस भेजे लेकिन वापस ना आने वाले विधायकों पर स्पीकर द्वारा कार्रवाई की मांग की गई. कांग्रेस पार्टी ने सीएलपी में नहीं आने पर विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की. जिसके खिलाफ पायलट खेमा हाईकोर्ट चला गया अब इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होनी है.
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