कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 31 अगस्त को कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर रवाना होंगे.
नई दिल्ली:
राहुल गांधी 31 अगस्त को अपनी बहुप्रतीक्षित कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर रवाना रवाना होंगे. उनकी यह यात्रा 12 दिन की होगी.
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा का विदेश मंत्रालय से कोई लेना देना नहीं है. विदेश मंत्रालय (MEA) लाटरी सिस्टम से यात्रा कंडक्ट करता है. अगर राहुल गांधी उस तरीके से जाते तो MEA का लेना देना होता. राहुल निजी यात्रा पर जा रहे हैं. नेपाल में बहुत से टूर ऑपरेटर हैं जो इस तरह की यात्रा कराते हैं.
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी चूंकि सांसद हैं इसलिए सरकार से अनुमति की बात हो रही है. हालांकि इस अनुमति का भी विदेश मंत्रालय से लेना-देना नहीं है. यह अनुमति सरकारी कर्मचारियों आदि को भी लेना पड़ती है जो प्राइवेट तरीक़े से यात्रा पर जाते हैं. इसमें राहुल गांधी ने चीन से वीज़ा हासिल किया होगा और उनके नियमों के तहत जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें : राहुल गांधी की तरफ से मानसरोवर यात्रा को लेकर कोई औपचारिक आवेदन प्राप्त नहीं हुआ : विदेश मंत्रालय
हालांकि अब तक राहुल की यात्रा को लेकर कांग्रेस की ओर से अधिकृत घोषणा नहीं की गई है. राहुल की कैलाश मानसरोवर यात्रा पर मनीष तिवारी का कहना है कि जब भी कांग्रेस अध्यक्ष का कोई कार्यक्रम बनता है तो उनका दफ़्तर उसको सार्वजनिक करता है. ऐसा होगा तो सार्वजनिक होगा इंतज़ार कीजिए.
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राहुल की यह धार्मिक यात्रा 12 दिनों की होगी. वह 12 सितंबर को स्वदेश के लिए रवाना होंगे.
यह भी पढ़ें : मुझे लगा, बस खेल खत्म - उड़ान में गड़बड़ी पर बोले राहुल गांधी, कहा - कैलाश-मानसरोवर जाऊंगा
गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव के समय विमान में तकनीकी खराबी की घटना के बाद राहुल गांधी नेकैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने की घोषणा की थी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अप्रैल महीने के आखिर में अचानक तकनीकी खराबी आने की वजह से गांधी का विमान कई हज़ार फुट नीचे आ गया था.
उक्त घटना के कुछ दिन बाद दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की ''जन-आक्रोश रैली'' में राहुल ने कहा था, ‘‘मैं दो-तीन दिन पहले कर्नाटक जा रहा था, मैं विमान में सवार था. विमान अचानक आठ हजार फुट नीचे आ गया. मैं अंदर से हिल गया और लगा कि अब गाड़ी गई. तभी मुझे कैलाश मानसरोवर की याद आई. अब मैं आप लोगों से 10 -15 दिन के लिए छुट्टी चाहता हूं ताकि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा सकूं.’’
VIDEO : कैलाश मानसरोवर जाएंगे राहुल गांधी
उनकी इस घोषणा के बाद उनकी धार्मिक यात्रा के कार्यक्रम को लेकर समय-समय पर अटकलें लगाई जाती रहीं. कांग्रेस ने कुछ महीने पहले आरोप लगाया था कि आवेदन देने के बाद भी केंद्र सरकार ने गांधी को यात्रा की इजाजत नहीं दी. इस पर जून में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि राहुल गांधी की ओर से कोई आवेदन नहीं मिला.
(इनपुट भाषा से भी)
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा का विदेश मंत्रालय से कोई लेना देना नहीं है. विदेश मंत्रालय (MEA) लाटरी सिस्टम से यात्रा कंडक्ट करता है. अगर राहुल गांधी उस तरीके से जाते तो MEA का लेना देना होता. राहुल निजी यात्रा पर जा रहे हैं. नेपाल में बहुत से टूर ऑपरेटर हैं जो इस तरह की यात्रा कराते हैं.
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी चूंकि सांसद हैं इसलिए सरकार से अनुमति की बात हो रही है. हालांकि इस अनुमति का भी विदेश मंत्रालय से लेना-देना नहीं है. यह अनुमति सरकारी कर्मचारियों आदि को भी लेना पड़ती है जो प्राइवेट तरीक़े से यात्रा पर जाते हैं. इसमें राहुल गांधी ने चीन से वीज़ा हासिल किया होगा और उनके नियमों के तहत जा रहे हैं.
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हालांकि अब तक राहुल की यात्रा को लेकर कांग्रेस की ओर से अधिकृत घोषणा नहीं की गई है. राहुल की कैलाश मानसरोवर यात्रा पर मनीष तिवारी का कहना है कि जब भी कांग्रेस अध्यक्ष का कोई कार्यक्रम बनता है तो उनका दफ़्तर उसको सार्वजनिक करता है. ऐसा होगा तो सार्वजनिक होगा इंतज़ार कीजिए.
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि राहुल की यह धार्मिक यात्रा 12 दिनों की होगी. वह 12 सितंबर को स्वदेश के लिए रवाना होंगे.
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गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव के समय विमान में तकनीकी खराबी की घटना के बाद राहुल गांधी नेकैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने की घोषणा की थी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अप्रैल महीने के आखिर में अचानक तकनीकी खराबी आने की वजह से गांधी का विमान कई हज़ार फुट नीचे आ गया था.
उक्त घटना के कुछ दिन बाद दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की ''जन-आक्रोश रैली'' में राहुल ने कहा था, ‘‘मैं दो-तीन दिन पहले कर्नाटक जा रहा था, मैं विमान में सवार था. विमान अचानक आठ हजार फुट नीचे आ गया. मैं अंदर से हिल गया और लगा कि अब गाड़ी गई. तभी मुझे कैलाश मानसरोवर की याद आई. अब मैं आप लोगों से 10 -15 दिन के लिए छुट्टी चाहता हूं ताकि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा सकूं.’’
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उनकी इस घोषणा के बाद उनकी धार्मिक यात्रा के कार्यक्रम को लेकर समय-समय पर अटकलें लगाई जाती रहीं. कांग्रेस ने कुछ महीने पहले आरोप लगाया था कि आवेदन देने के बाद भी केंद्र सरकार ने गांधी को यात्रा की इजाजत नहीं दी. इस पर जून में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि राहुल गांधी की ओर से कोई आवेदन नहीं मिला.
(इनपुट भाषा से भी)
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