
नई दिल्ली:
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने खाद्य सुरक्षा विधेयक को ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए पार्टी नेताओं से कहा कि इसके संदेश को जमीनी स्तर तक लेकर जाएं और जनता को कानूनी अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिहाज से तैयार करें।
राहुल गांधी ने खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुखों और कांग्रेस विधायक दल के नेताओं की बैठक को संबोधित किया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और केवी थॉमस ने भी संबोधित किया।
राहुल ने प्रदेश के नेताओं से कहा, ‘जब इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा तो कोई भूखा नहीं सोएगा। हमने उन्हें एक अधिकार दिया है। आप उन्हें संघर्ष के लिए तैयार करें।’ बैठक में यह मांग भी उठी कि खाद्य सुरक्षा कानून का नाम दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर किया जाए और विपक्ष शासित राज्यों में इसे लागू करने में कांग्रेस नेताओं की व्यापक रायशुमारी शामिल हो।
कांग्रेस शासित राज्यों दिल्ली और हरियाणा द्वारा राजीव गांधी की जयंती के मौके पर 20 अगस्त से योजना को लागू करने के फैसले की पृष्ठभूमि में यह मांग मायने रखती है। जिस समय यह मांग उठाई गई, उस समय राहुल बैठक कक्ष से बाहर जा चुके थे।
राहुल गांधी ने खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुखों और कांग्रेस विधायक दल के नेताओं की बैठक को संबोधित किया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और केवी थॉमस ने भी संबोधित किया।
राहुल ने प्रदेश के नेताओं से कहा, ‘जब इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा तो कोई भूखा नहीं सोएगा। हमने उन्हें एक अधिकार दिया है। आप उन्हें संघर्ष के लिए तैयार करें।’ बैठक में यह मांग भी उठी कि खाद्य सुरक्षा कानून का नाम दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर किया जाए और विपक्ष शासित राज्यों में इसे लागू करने में कांग्रेस नेताओं की व्यापक रायशुमारी शामिल हो।
कांग्रेस शासित राज्यों दिल्ली और हरियाणा द्वारा राजीव गांधी की जयंती के मौके पर 20 अगस्त से योजना को लागू करने के फैसले की पृष्ठभूमि में यह मांग मायने रखती है। जिस समय यह मांग उठाई गई, उस समय राहुल बैठक कक्ष से बाहर जा चुके थे।
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