गलत बयानी के लिए राहुल गांधी सार्वजनिक तौर पर गलती स्वीकारें और माफी मांगें: संघ विचारक वैद्य

गलत बयानी के लिए राहुल गांधी सार्वजनिक तौर पर गलती स्वीकारें और माफी मांगें: संघ विचारक वैद्य

राहुल गांधी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रही है अहम सुनवाई
  • 2014 में दर्ज हुआ था मुकदमा
  • राहुल गांधी ने केस रद्द करने के लिए लगाई है याचिका
नई दिल्ली:

महात्मा गांधी की हत्या में RSS के लोगों का हाथ बताने वाले बयान पर राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में कल सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने के बाद आज संघ विचारक एमजी वैद्य ने उन पर निशाना साधा. वैद्य ने जोर देकर कहा कि गलत बयानी के लिए राहुल गांधी सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करें अपनी गलती स्वीकार करें और माफी मांगें.

उन्होंने आगे कहा, "अगर अब वह कहते हैं कि आरएसएस इसमें शामिल नहीं था लेकिन गांधीजी की हत्या में RSS से जुड़े लोगों ने मारा था, तो उन्हें अपने बयान को स्पष्ट करते हुए बताना चाहिए कि उन लोगों की संगठन हैसियत क्या थी." संघ विचारक ने कहा, "सच्चाई यही है कि उन्होंने गलती की है, जिसे उन्हें स्वीकार करना चाहिए और माफी भी मांगना चाहिए."
 
इससे पहले कल सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम मानते हैं कि राहुल गांधी ने कहा है कि उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए RSS संस्थान को हत्यारा नहीं कहा था, सिर्फ जुड़े लोगों के लिए कहा था. ऐसे में RSS के लिए मानहानि वाली बात नहीं लगती. याचिकाकर्ता ने वक्त मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट 1 सितंबर को करेगा.  

2014 में दर्ज हुआ था मुकदमा
दरअसल 2014 में महात्मा गांधी की हत्या का आरोप कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाने के संबंध में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला दाखिल किया गया था. संघ की भिवंडी इकाई के सचिव राजेश कुंटे ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने सोनाले में 6 मार्च 2014 को एक चुनावी रैली में कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने गांधी जी की हत्या की. कुंटे ने कहा कि कांग्रेस केनेता ने अपने भाषण के जरिए संघ की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने की कोशिश की.

संघ ने दूसरे लोगों के खिलाफ मानहानि का मामला क्यों नहीं दर्ज कराया :कांग्रेस
कांग्रेस ने आज कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उन लोगों के खिलाफ मानहानि के मामले क्यों नहीं दर्ज कराए जिन्होंने राहुल गांधी की तरह कहा है कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए संघ से जुड़े लोग जिम्मेदार हैं. इस मामले में उच्चतम न्यायालय में राहुल का बचाव कर रहे वरिष्ठ वकील और कांग्रेस प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने संघ से पूछा कि उसने नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल के खिलाफ मामला क्यों नहीं दर्ज कराया जिन्होंने कहा था कि नाथूराम समेत सभी चारों भाई संघ में थे.


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