जालंधर:
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाल ने पलवल जिले के एक गांव में भूमि खरीद में राहुल गांधी पर कर वंचना का गुरुवार को आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने इस आरोप को ‘‘पूरी तरह से गलत, सरासर निराधार और मानहानिकारक’’ कहकर खारिज कर दिया।
इनेलोद प्रमुख ने मांग की कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराई जाए।
चौटाला ने कहा, ‘‘राहुल ने पलवल जिले के हसनपुर गांव में करीब 6.5 एकड़ के माप वाली जमीन खरीदी थी। उन्होंने इसमें कर वंचना की। राहुल ने यह जमीन 1.5 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से ली जैसा कि जमीन के बैनामे (भूमि बिक्री दस्तावेज) में उल्लेख किया गया है। सरकार द्वारा उस समय किए गए मूल्यांकन के अनुसार उसका मूल्य आठ लाख रुपये प्रति एकड़ था।’’ उन्होंने कहा कि गांधी को दी गई जमीन का सरकारी मूल्य आठ लाख रुपये प्रति एकड़ था जबकि इसका बाजार मूल्य 35 लाख रुपये प्रति एकड़ से ज्यादा था।
इन आरोपों का बिन्दुवार खंडन करते हुए राहुल गांधी के कार्यालय ने दिल्ली में कहा कि उन्होंने हरियाणा के जिला पलवल की होडल तहसील के हसनपुर में 41 कनाल 13 मरला (6.456 एकड़) सैलाब जमीन खरीदी।
उसने कहा, ‘‘यह जमीन कुल 26.47 लाख रुपये में खरीदी गई जिसका भुगतान चैक से किया गया। यह जमीन करीब 4.10 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से खरीदी गई।’’ ‘‘हसनपुर गांव में सैलाब जमीन के लिए तत्कालीन कलेक्टर दर 2007-08 में, जमीन की खरीद की तारीख तीन मार्च 2008, को 1.5 लाख रुपये प्रति एकड़ थी।’’
राहुल गांधी के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि जांलधर में चौटाला द्वारा संवाददाता सम्मेलन में लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत, सरासर आधारहीन और मानहानिकारक हैं।
चौटाला ने यह भी दावा किया था कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने राबर्ट वाड्रा की कथित रूप से औनेपौने दामों पर करोड़ों रुपये की सपंत्ति खरीदने में ‘‘उदारता’’ से मदद की। उन्होंने मांग की कि मामले की उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए।
चौटाला ने उच्चतम न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश से राहुल गांधी के जमीन के सौदे की जांच कराए जाने की मांग की थी। राहुल गांधी के कार्यालय ने कल कहा था कि सारे आरोप ‘पूरी तरह से झूठे, आधारहीन और अपमानजनक हैं।’’
चौटाला ने बुधवार को आरोप लगाया था, ‘‘राहुल गांधी ने मार्च 2008 में पलवल जिले के हसनपुर गांव में करीब साढ़े छह एकड़ जमीन खरीदी थी। उन्होंने इसमें कर चोरी का सहारा लिया। जमीन पंजीकरण सौदे के मुताबिक राहुल ने डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ के आधार पर यह जमीन खरीदी लेकिन सरकार द्वारा कराए गए मूल्यांकन में उस समय इसकी कीमत आठ लाख रुपये प्रति एकड़ थी।’’
राहुल के कार्यालय ने इस आरोप को खारिज करते हुए कल कहा था कि यह जमीन करीब चार लाख 10 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी गई थी।
इनेलोद प्रमुख ने मांग की कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराई जाए।
चौटाला ने कहा, ‘‘राहुल ने पलवल जिले के हसनपुर गांव में करीब 6.5 एकड़ के माप वाली जमीन खरीदी थी। उन्होंने इसमें कर वंचना की। राहुल ने यह जमीन 1.5 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से ली जैसा कि जमीन के बैनामे (भूमि बिक्री दस्तावेज) में उल्लेख किया गया है। सरकार द्वारा उस समय किए गए मूल्यांकन के अनुसार उसका मूल्य आठ लाख रुपये प्रति एकड़ था।’’ उन्होंने कहा कि गांधी को दी गई जमीन का सरकारी मूल्य आठ लाख रुपये प्रति एकड़ था जबकि इसका बाजार मूल्य 35 लाख रुपये प्रति एकड़ से ज्यादा था।
इन आरोपों का बिन्दुवार खंडन करते हुए राहुल गांधी के कार्यालय ने दिल्ली में कहा कि उन्होंने हरियाणा के जिला पलवल की होडल तहसील के हसनपुर में 41 कनाल 13 मरला (6.456 एकड़) सैलाब जमीन खरीदी।
उसने कहा, ‘‘यह जमीन कुल 26.47 लाख रुपये में खरीदी गई जिसका भुगतान चैक से किया गया। यह जमीन करीब 4.10 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से खरीदी गई।’’ ‘‘हसनपुर गांव में सैलाब जमीन के लिए तत्कालीन कलेक्टर दर 2007-08 में, जमीन की खरीद की तारीख तीन मार्च 2008, को 1.5 लाख रुपये प्रति एकड़ थी।’’
राहुल गांधी के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि जांलधर में चौटाला द्वारा संवाददाता सम्मेलन में लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत, सरासर आधारहीन और मानहानिकारक हैं।
चौटाला ने यह भी दावा किया था कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने राबर्ट वाड्रा की कथित रूप से औनेपौने दामों पर करोड़ों रुपये की सपंत्ति खरीदने में ‘‘उदारता’’ से मदद की। उन्होंने मांग की कि मामले की उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए।
चौटाला ने उच्चतम न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश से राहुल गांधी के जमीन के सौदे की जांच कराए जाने की मांग की थी। राहुल गांधी के कार्यालय ने कल कहा था कि सारे आरोप ‘पूरी तरह से झूठे, आधारहीन और अपमानजनक हैं।’’
चौटाला ने बुधवार को आरोप लगाया था, ‘‘राहुल गांधी ने मार्च 2008 में पलवल जिले के हसनपुर गांव में करीब साढ़े छह एकड़ जमीन खरीदी थी। उन्होंने इसमें कर चोरी का सहारा लिया। जमीन पंजीकरण सौदे के मुताबिक राहुल ने डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ के आधार पर यह जमीन खरीदी लेकिन सरकार द्वारा कराए गए मूल्यांकन में उस समय इसकी कीमत आठ लाख रुपये प्रति एकड़ थी।’’
राहुल के कार्यालय ने इस आरोप को खारिज करते हुए कल कहा था कि यह जमीन करीब चार लाख 10 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी गई थी।
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